छाता /- संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में ‘ग्रीन आईओटी एंड इंडस्ट्री 5.0’ विषयक एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में भाग लेने वाले विभिन्न क्षेत्रों की ख्यातिप्राप्त हस्तियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने इंडस्ट्री की भविष्य की चुनौतियों और ऊर्जा के सर्वोत्तम बचाव को लेकर विश्वभर में चल रहे प्रयासों को विस्तार से बताया।
सेमिनार के मुख्य अतिथि प्रिंसिपल डाइरेक्टर एमएसएमई आगरा डा. पन्नीरसेलवम ने उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की चुनौतियों से अगाह करते हुए कहा कि चुनौतियों की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण काल है। आप सब इंजीनियरिंग से जुड़े हैं, इसलिए आपको और इनोवेटिव होना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकि के दुष्प्रभाव भी हैं। इसलिए इन दुष्प्रभावों के अध्ययन और उनको रोकने, उनसे बचने के उपाय भी आपको खोजने होंगे।
क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया के डाइरेक्टर डा. इंद्रजीत ने इंडस्ट्री 5.0 के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह ऐसा समय है जब उत्पादन व्यक्तिगत अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हो रहा है। अब उत्पादन व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हो रहा है। दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है कचरे का समाधान। इंडस्ट्री 5.0 में इसी को लेकर काम हो रहा है, कैसे कम से कम वेस्ट(कचरा) में उपयोगी व्यक्तिगत उत्पादन को अंजाम दिया जाय। इन्ही प्रयासों ने स्मार्ट सिटी, स्मार्ट पर्सनल हेल्थ केयर, स्मार्ट होम को जन्म दिया है। गैप्स इंजीनियरिंग एंड कंसल्टेंसी के मैनेजिंग डाइरेक्टर गौरव वासुदेव ने बताया कि एअर कंडीशनिंग के लिए बनाए जाने वाले चिलर और एअर कंडीशंन यूनिटों में भारी मात्रा में इनर्जी उपयोग की जाती है। इसका कारण उनमें लगे बड़े-बड़े कंप्रेशर हैं। उन्होंने बताया कि अब सोलर इनर्जी का प्रयोग कर ऊर्जा की खपत को बचाया जा रहा है, जो एक क्रांतिकारी प्रयोग के रूप में सामने आ रहा है। एअर कंडीशनिंग प्लांट और छोटी यूनिटों को सोलर इनर्जी से चलाकर वातावरण को भी कम क्षति पहुंचे, इसका प्रयोग सफल रहा है।
इंडिया एमएसएमई फोरम के प्रेसीडेंट विनोद कुमार ने सेमिनार में आनलाइन जुड़ते हुए प्रगति के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रगति के इस छठे दौर में वातावरण की सुरक्षा पर बात जरूरी हो जाती है। क्लीन टेक्नीक बिजनेज माडल और खपत के तरीके को रि-शेप कर रही है। हमारे विद्यार्थियों को प्रगति के तरीकों और इंडस्ट्री की तकनीक में बदलाव लाना होगा जिससे हम अपने वातावरण को ज्यादा समय तक सुरक्षित रख पाएंगे। इश्रे चैप्टर दिल्ली के प्रेसीडेंट केडी सिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के दौर में विद्यार्थियों और इंडस्ट्री को इस दिशा में काम करना होगा कि मनुष्य कैसे टेक्नोलाजी का बेहतर इस्तेमाल करे। ऊर्जा का बचाव और वेस्ट को कैसे वेल्थ में कैसे बदला जा सकता है, इसके लिए काम करे। इसे हमें सीखना होगा।
एलजी इलेक्ट्रानिक इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट संजीव सेठ ने सेमिनार में आनलाइन जुड़ते हुए कहा कि हमारे देश में गर्मी और ह्यूमेडिटी एक आम वातावरण है। एअर कंडीशनिंग उपकरणों का उत्पादन करने वाली कंपनियां वातावरण को सुरक्षित करने के लिए लगातार इनोवेशन(खोजें) कर रही हैं, काफी सफलता भी मिली है। बाजार इसकी गंभीरता को समझ चुका है।
सेमिनार के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी पांडे ने सेमिनार में भाग ले रहे विद्वानों का स्वागत करते हुए विषय संबंधी जानकारी दी और आशा व्यक्त की कि यह सेमिनार अपने बहुमूल्य उद्देश्यों को पाने में सफल हो।
रिपोर्ट /- प्रताप सिंह