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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में SC हुआ सख्त, यूपी सरकार के ‘ढीले’ रवैये पर फिर खड़े किये सवाल

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का मंगलवार को निर्देश दिया। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मामले के अन्य गवाहों के बयान दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज करने का भी निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा है कि घटना के वीडियो सबूत के परीक्षण को लेकर फोरेंसिक लैब जल्द रिपोर्ट सौपे अन्यथा हमे आदेश पास करना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने भीड़ के हाथों मारे गए श्याम सुन्दर पत्रकार रमन कश्यप की हत्या के मामले में भी यूपी सरकार को रिपोर्ट दायर करने को कहा हैं.

पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की धीमी जांच को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ट अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि अभी तक कुल 68 गवाहों के बयान दर्ज हुए है, जिनमे से 30 गवाहो के बयान अभी तक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए है. इनमे से 23 चश्मदीद गवाह है.