रामनगर/बाराबंकी
उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिले की तहसील रामनगर के अंतर्गत बहरामघाट तराई के कई गांवों में बाढ़ के पानी से फसल नष्ट हो गई है।जिन गांवों की फसल नष्ट हुई है उन गांवों के ग्रामीणों को बाढ़ राहत सामगी सांसद उपेंद्र सिंह रावत,प्रवेश शुक्ल,शैलेन्द्र सिंह द्वारा बाढ़ राहत सामग्री वितरित की गई है।सरयू नदी ( घाघरा ) में आई बाढ़ से प्रभावित ग्राम तपेसीपाह, लहडरा, सिसौंडा ग्रामीणों को राहत सामग्री का वितरण लोकसभा बाराबंकी से सांसद उपेंद्र सिंह रावत तहसीलदार सुरेंद्र कुमार व सदस्य जिला पंचायत प्रतिनिधि प्रवेश कुमार शुक्ला (नानमून)के साथ पवन मिश्र ने वितरित किया है।
आपको बता दे तराई के इन गांवों में हर वर्ष बाढ़ राहत सामग्री दी जाती है।लेकिन बाढ़ क्यों आती है इन तराई के गाँवो में इस समस्या पर कोई नेता व आलाधिकारी ध्यान नही देता है।वही ग्राम प्रधान सुशील यादव ने बताया कि अगर बांध को सीधा सिरौलीगौसपुर तक मजबूत करके पानी को रोकने के लिए फाटक लगा दे तो इस समस्या से निजात मिल सकता है।ग्राम प्रधान तपेसिपाह ने कहा मेरी पंचायत में 550 बाढ़ राहत बैग वितरित किये गए है।इस बाढ़ से किसानों की फसल तो नष्ट हो गई है।क्या उन किसानों के खाते में सरकार फसल नष्ट होने का पैसा डालेगी या नही।क्योंकि किसान के पास सिर्फ खेती के अलावा और कोई रोजगार नही है।इन ग्राम सभा मे बाढ़ का पानी पहुँचा जिनकी फ़सल नष्ट हुई है वो इस प्रकार से है-लहड़रा,तपेसिपाह, दुर्गापुर,सिसौन्ड़ा,मढ़ना, केशियापुर, लोहटी जई,रेलीबाज़ार, लोहटी पसई,मथुरापूरवा क्या इन किसानों की फसल नही नष्ट हुई इनको भी क्या बाढ़ राहत सामग्री नही मिलनी चाहिए थी।क्या इनके खेत मे पानी नही गया।बाढ़ राहत सामग्री केवल लहड़रा और कोरिनपुरवा तपेसिपह में ही क्यों बाटी गई क्या मढ़ना लोहटी जई में नही बाटना चाहिए।बीते दिनों भाजपा के केंद्र के जल शक्ति मंत्री ने जनपद बाराबंकी का दौरा किया था कहा था कि बिना भेद भाव के सभी ग्राम सभा मे बाढ़ राहत सामग्री बटनी चाहिए सरकार के पास पैसे की कमी नही है। लेकिन दो तीन गाँवो तक ही रामनगर के बहरामघाट में रेलवे स्टेशन चौका घाट के टीन सेट में बाढ़ राहत सामग्री बटी है।अब देखना यह होगा कि फसल नष्ट होने का लेखपालों औऱ आलाधिकारी द्वारा बाढ़ से पीड़ित किन गाँवो को रिपोर्ट लगाकर लिखती है कि ये गाँव बाढ़ पीड़ित है।