नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) की साल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की और इस दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या करने वालों की दर बढ़कर 57 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई.
बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, और चंडीगढ में किसी एक भी किसान की आत्महत्या की खबर नहीं आई. सबसे ज्यादा आत्महत्याएं पारिवारिक क्लेशों और बीमारी के चलते हुईं. रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं मे भारी कमी आई है और पिछले पांच सालों के मुकाबले सबसे कम लोगों की मौत सड़क और रेल क्रासिंग दुर्घटनाओं में हुईं.
साल 2020 में एक लाख 53 हजार 52 लोगों ने आत्महत्या की. इसका सीधा मतलब यह भी है कि कोरोना काल में बंद के दौरान लोगो में ज्यादा तनाव था, जिसके चलते यह प्रतिशत पिछले पांच सालों के मुकाबले बढ गया.
एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक, जिन लोगों ने आत्महत्या की, उनमें 10 हजार 677 लोग खेती किसानी से जुड़े हुए थे. इस संख्या में किसान मजदूरी करने वालों की संख्या 5098 थी. जबकि किसानों की संख्या 5579 थी. ये संख्या कुल आकंडे 1,53,052 का सात प्रतिशत है.