उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी सौगात दी है। एमबीबीएस के छात्रों की एक साल की निर्धारित चार लाख रुपये की फीस को 1.45 लाख रुपये कर दिया गया है। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में ही सेवाएं देने का बांड भरने वाले छात्रों के लिए 50 हजार रुपये शुल्क तय किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मेडिकल छात्रों की फीस ढाई लाख रुपये सालाना घटाई गई है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक पूरे देश में उत्तराखंड मेडिकल छात्रों की सबसे कम फीस हो गई है।
सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में कर्मचारियों की लंबे समय से की जा रही मांग भी पूरी कर दी गई है। उन्हें अब प्रमोशन के मानकों में छूट का लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने शिथिलीकरण की नियमावली को एक साल के लिए पुन: लागू कर दिया है।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों पर इलाज की सुविधा मिलेगी। कैबिनेट ने कर्मचारियों की इस मांग पर भी मुहर लगा दी है।
योजना में एनपीएस से रिटायर होने वाले कर्मचारियों व पेंशनरों को वार्षिक अंशदान कटौती या 10 वर्ष की अंशदान की राशि के बराबर एकमुश्त भुगतान पर आजीवन वैधता का विकल्प दिया गया है।