दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बेहद खराब हो गई है। लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। आंखों की खुजली की परेशानी भी बढ़ गई है। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा इसकी चपेट में है।
दिल्ली-एनसीआर के करीब 55 हजार वर्ग किमी पर ‘उजला अंधेरा’ सफेद धुंआ छाया है। नोएडा की हवा भी 450 एक्यूआई के साथ गभीर श्रेणी में बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के मेरठ से लेकर हरियाणा के जींद तक की हवा ‘गंभीर’ स्तर तक प्रदूषित हो गई।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली की हवा सिगरेट के धुएं से ज्यादा हानिकारक हो गई है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि प्रदूषण से कोरोना के मामले में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली हवाओं का रूख भी उत्तर पश्चिम बना हुआ है। इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सा 41 फीसदी हो गया। शुक्रवार को यह आंकड़ा 36 फीसदी था।