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जैन आचार्य प्रमुख सागर ने चातुर्मास समाप्त कर किया भिण्ड की और विहार

जैन आचार्य प्रमुख सागर ने चातुर्मास समाप्त कर किया भिण्ड की और विहार

प्रवेश से परिवर्तन तक की यात्रा रही अविस्मरणीय प्रमुख सागर*

चातुर्मास कमेटी सहित विश्व जैन संगठन अध्यक्ष आकाश दीप जैन को किया सम्मानित*

इटावा। विगत चार माह से लालपुरा जैन धर्मशाला में चातुर्मास कर रहे इटावा गौरव जैन आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने अपने चातुर्मास पूर्ण होने पर भिण्ड की और विहार करने से पूर्व धर्मसभा को सम्बोधित करते हुये कहा प्रवेश से परिवर्तन की यह यात्रा अविस्मरणीय है। जैन शास्त्रों के अनुसार साधु-साध्वी की अपनी मर्यादाएं हैं। इसके तहत चातुर्मास समापन के बाद स्थान परिवर्तन करना ही होता है। ये सृष्टि का भी नियम है कि परिवर्तन से ही व्यक्ति के गुण-दोषों की परीक्षा होती है। जैन शास्त्रों में राग को कसाया माना गया है। इसलिए किसी स्थान या व्यक्तियों से ज्यादा प्रेम नहीं करना। गुरुभक्ति में कमी भी नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान अन्य जनपदों एवं प्रान्तों से आये हुये भक्तो को उन्होंने मंगल आशीर्वाद प्रदान किया साथ ही चातुर्मास समिति के पदाधिकारियों एवं विश्व जैन संग़ठन अध्यक्ष आकाशदीप जैन बेटू को प्रतीक चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान करहल में चातुर्मास समाप्त कर इटावा आये जैन मुनि विहसन्त सागर महाराज ने आगामी पंचकल्याणक महोत्सव में आने का निमंत्रण दिया। कार्यक्रम में चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष संजू जैन, महेश चन्द्र रपरिया, आनन्द बाबा, मन्नू जैन, रजत जैन, नीरज जैन, संगीता जैन, राजू जैन, मिथुन जैन, सुशील जैन, चन्द्र प्रकाश जैन, सुनील वर्मा सहित सैकड़ों स्त्री पुरुष मौजूद रहे।