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इटावा (लखना) में धूम धाम से निकाली गई कलश यात्रा

*लखना में धूमधाम से निकाली गई कलश यात्रा*
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कस्बा लखना स्थित मुहाल ठाकुरान में विराजमान श्रीरामजानकी मंदिर परिसर में मंगलबार को कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं विराट सत्संग समारोह का शुभारंभ हुआ।*

कलश यात्रा में श्रीमद् भागवत सप्ताह के कथावाचक डा संतोष दास जी महाराज राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराधा कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट वृन्दावन सहित कस्बा की पीताम्बर बस्त्रधारण करके महिलाएं, पुरुषों व बच्चों ने शामिल होकर भगवान की महिमा का गुणगान किया।*

श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा स्थल से निकाली गई कलश यात्रा कालिका मंदिर,मातन मुहाल देवी मंदिर, होकर नगर भ्रमण करती हुई पंडाल में पहुंची।*

वहां पर पवित्र कलशों में सरोवर का जल भरा गया और कलशों को श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह स्थल पर स्थापित किया गया।*

कथा सप्ताह के शुभारंभ मौके पर हवन यज्ञ में पूर्णाहुति भी दी गई, जिसमें सर्व समाज कल्याण व हर तरफ शांति की प्रार्थना की गई।*

हवन यज्ञ में पूर्णाहुति देने के लिए स्थानीय श्रीमद् भागवत सप्ताह के आयोजक ने अपनी श्रद्धा की आहुति डाली।*

वहीं कथावाचक संत डा संतोषदास जी महाराज ने संगत को सत्य कथाओं का ज्ञान देने के साथ उनकी अहमियत भी समझाई।*

उन्होंने कहा कि जिस जगह पर श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया जाता है उसके कण-कण में पवित्रता आ जाती है। जहां तक कथा के ज्ञान के प्रसार की आवाज जाती है वहां का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो जाता है।*

वहीं जो लोग इन कथा का ज्ञान प्राप्त करते हैं उनका जीवन धन्य हो जाता है। कथा के ज्ञान से इंसान के मन को शांति मिलती है और मन में पैदा होने वाले दूषित विचारों का अंत हो जाता है।*

उन्होंने संगत से कथा का पूरा ज्ञान प्राप्त करने की पेशकश की और अपने भविष्य के मार्ग को साफ रखने की सलाह दी।*

श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का आयोजन सौरभ त्रिपाठी उनके मां रमा त्रिपाठी व पिता कैलाश नाथ त्रिपाठी रिटायर्ड प्रधानाध्यापक ने किया।*

*इसे सफल बनाने में कृष्णदत्त त्रिपाठी, संजय कुमार त्रिपाठी (शिक्षक नेता)राजीव त्रिपाठी,संजीव त्रिपाठी,विवेक,अभिषेक प्रकाश,आयुष,अनिवेष,गोविन्द माधव,आनन्द दीक्षित,रुद्र त्रिपाठी,अमित द्विवेदी, लोकेन्द शुक्ला,अखिल द्विवेदी, शिक्षक नेता जितेन्द्र त्रिपाठी,आकाश दीक्षित,डा सुधीर पांडेय, रेनू दीक्षित सहित स्थानीय लोगों व युवाओं का अहम योगदान रहा।*