तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर अहम फैसला लिया है. 29 नवंबर से हर दिन 500 किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचेंगे.
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इस फैसले के बारे में जानकारी मुहैया करवाई है. टैक्टर मार्च को लेकर हालांकि फाइनल फैसला पुलिस से अनुमति मिलने के बाद होगा.
बयान में कहा गया, “एसकेएम ने फैसला किया है कि 29 नवंबर से इस संसद सत्र के अंत तक, 500 चुनिंदा किसान स्वयंसेवक राष्ट्रीय राजधानी में विरोध करने के अपने अधिकार के तहत शांतिपूर्वक और पूरे अनुशासन के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली में हर दिन संसद तक जाएंगे.”
एसकेएम ने 26 नवंबर को राज्यों की राजधानियों में बड़े पैमाने पर महापंचायतों का भी आह्वान किया है. किसान नेता और राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के प्रतिनिधि अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि संसद जाने के रास्ते में दिल्ली पुलिस जहां भी रोकेगी, किसान वहीं धरने पर बैठेंगे.