मथुरा के अक्षय नवमी पर पंचकोसीय परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब
मथुरा। अक्षय नवमी पर शुक्रवार को महानगर की पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा पड़ा। श्रद्धालुओं ने अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए नंगे पैर राधे-राधे के जयकारे लगाते हुए प्रभु भक्ति में लीन होकर परिक्रमा शुरू की। परिक्रमा मार्ग पर मानव श्रृंखला टूटने का नाम नहीं ले रही थी।
कोरोना वायरस का खौफ भी परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक सका है। कई श्रद्धालु बिना मास्क के परिक्रमा करते दिखाई दिए। अक्षय नवमी की परिक्रमा हल्की ठंड में गुरूवार आधी रात ही शुरू हो गई थी। भोर होते ही यह सिलसिला तेज हो गया। संकरे और कीचड़ भरे मार्ग भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक पा रहे थे। पूरे परिक्रमा मार्ग पर आस्था की डोर में बंधे श्रद्धालुओं पर श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम रस बरस रहा था। टोलियों के रूप में कोई तीन वन, तो कोई मथुरा की परिक्रमा लगा रहा था। परिक्रमा से पहले श्रद्धालुओं ने मथुरा के विश्राम घाट पर यमुना स्नान कर पूजन किया। इस दौरान विश्राम घाट, बंगाली घाट, रंगेश्वर महादेव मंदिर, डेंपियर नगर, भूतेश्वर, पोतराकुंड, सरस्वती कुंड, चामुंडा, गायत्री तपोभूमि, गोकर्ण नाथ, मोक्षधाम, गऊघाट पर भारी भीड़ रही। नगर निगम ने परिक्रमा मार्ग को सुगम बनाने की कोशिश की थी, लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं को गंदगी और कीचड़ से निकलना पड़ा। शहर की अंदर और बाहर की कॉलोनियों से लोग परिक्रमा में शामिल हुए। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी तीन वन और मथुरा की परिक्रमा लगाई। जगह-जगह गन्ना, मूली, गाजर आदि खाने के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही । कई स्थानों पर मेले जैसा नजारा रहा। समाज सेवियों ने प्याऊ लगाकर श्रद्धालुओं की सेवा की। ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी पर वृंदावन, मथुरा और गरुड़ गोविंद (तीन वन) की 15 कोसीय परिक्रमा करने से भक्त को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी भावना के साथ भक्त परिक्रमा के लिए निकल पड़े। परिक्रमार्थियों में क्या बच्चे-बूढ़े और जवान सभी का उत्साह देखने लायक था। पूरा परिक्रमा मार्ग हरिनाम संकीर्तन और राधे-राधे के स्वरों से गुंजायमान होता रहा। सुबह से शुरु हुआ परिक्रमा का यह क्रम देर शाम तक अनवरत जारी रहेगा।
परिक्रमार्थियों की सेवा का पुण्य कमाने के लिए समाजसेवियों में भी होड़ सी लगी रही। छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकृष्ण शरणम कॉलोनी के मुख्य द्वार पर राधा नाम प्रचार ट्रस्ट एवं गिर्राज ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में अक्षय नवमी पर परिक्रमार्थियों को पूड़ी-सब्जी,मिठाई एवं फल आदि का भंडारा चलाया गया जिसमें असंख्य परिक्रमार्थियों ने भोज प्रसाद ग्रहण किया। गिर्राज ग्रुप के चेयरमैन सन्दीप अरोड़ा ने बताया कि अक्षय नवमी के पावन पर्व पर नंगे पांव चल रहे परिक्रमार्थियों की भोजन प्रसादी सेवा वस्तुतः राधाकृष्ण की ही सेवा है। क्योंकि यह परिक्रमार्थी उनकी ही प्राप्ति हेतु इस मनोरथ को श्रद्धा व भक्ति के साथ पूर्ण करते हैं। ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि हमारी वैदिक व सनातन संस्कृति में भूखे को भोजन कराना अत्यंत पुण्य का कार्य माना गया है। इस अवसर पर कृष्ण कुमार अरोड़ा, सी.ए. कुलदीप अरोड़ा भागवताचार्य संजीवकृष्ण ठाकुर श्रीराधारमण मन्दिर के सेवायत चन्दन गोस्वामी राधावल्लभ शर्मा युवा साहित्यकार राधाकान्त शर्मा सोनू शर्मा दुर्गेश अग्रवाल, वसुधा चतुर्वेदी, रुचि अरोड़ा आदि की उपस्थिति विशेष रही।
रिपोर्ट /- प्रताप सिंह