मोदी सरकार (Modi Government) शासन को लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण पैदा करने के लिये युवा पेशेवरों को इसमें शामिल करने, सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों से सुझाव लेने और परियोजना निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने की योजना बना रही है. इसके अलावा आठ अलग-अलग समूह अन्य विभिन्न कदमों की निगरानी करेंगे. इन समूहों में समूचे मंत्रिपरिषद से सदस्य शामिल होंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
पहले सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मंडाविया ने व्यक्तिगत दक्षता पर प्रस्तुतियां दीं, दूसरे का नेतृत्व पीयूष गोयल और गजेंद्र शेखावत ने किया, प्रस्तुति देने वाले अन्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी (कार्य और हितधारक), अनुराग सिंह ठाकुर (पार्टी समन्वय और प्रभावी संचार) और प्रल्हाद जोशी (संसदीय कार्य मंत्री ) थे.
आखिरी बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को भी विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. ये सभी बैठकें मुख्य रूप से मोदी सरकार की दक्षता और वितरण प्रणाली में सुधार पर केंद्रित थीं. समूहों का गठन उस दिशा में एक और कदम है, जो मोटे तौर पर मंत्रियों को अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण बनाकर शासन में समग्र सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.