वृंदावन ब्रजरज उत्सव हुनर हाट में सूफी गायक कैलाश खैर ने अपनी गायिकी का बिखेरा जलवा
वृंदावन। 10 नवंबर से चल रहे उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित ब्रजरज उत्सव में आज जनसैलाब उमड़ पड़ा। भारी भीड़ को देखकर अधिकारियों और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लोगों के चेहरे पर भारी प्रसन्नता नजर आई। हुनर हाट के दुकानदारों ने भी जो आमदनी बीते 5 दिन में नहीं की थी वह आज छठवें दिन में उनकी हो गई। यह सब जादू था अंतरराष्ट्रीय स्तर के सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर का।
हुनर हाट मे आज कैलाश खेर को सुनने के लिए लोग इतने उतावले थे कि साय 5:00 बजे से ही पंडाल पूरा भर गया। उस समय प्रसिद्ध भजन गायिका पूनम दीदी के कार्यक्रम चल रहे थे लोगों ने उनका भी जमकर आनंद उठाया। रात्रि 8:00 बजे से कैलाश खेर ने स्टेज पर जैसे ही अपनी प्रस्तुति शुरू की तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा कुंभ मेला क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। सूफी गायक कैलाश खेर ने भी दीवानों की तरह प्रभु श्री कष्ण की नगरी वृंदावन में एक से एक सुपरहिट गीत सुना कर सबका मन मोह लिया। रात्रि 11:00 बजे तक उनको सुनने के लिए लोग मस्तानों की तरह अपने स्थानों पर जमे हुए देखे गए। कैलाश खेर को सुनने के लिए प्रशासनिक पुलिस न्यायिक अधिकारियो के अलावा सेना के अधिकारियों की भी आज काफी संख्या पंडाल में देखी गई। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा देशभर में लगाए जा रहे 31 वे इस हुनर हाट में कई घंटे तक कैलाश खेर की लगातार प्रस्तुति देख बृजवासी अचंभित दिखाई दिए। कार्यक्रम के दौरान कैलाश खेर ने कई बार केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के लिए दर्शकों से तालियां बजवाई।
कैलाश खैर ने कार्यक्रम के प्रारंभ में सबसे पहले पिया मिलन की आस गाना गाया तो लोग दीवाने हो गए। इसके बाद उन्होंने में तेरे प्यार में दीवाना हो गया, आहो जी, तौबा तौबा रे तेरी सूरत, कैसे बताएं तुझको , हो पिया हो पिया रंग दिनीं रंग दिनीं गाना गाया जिनको सुनकर ब्रज वासियों ने जमकर तालियां बजाई।
इसके बाद तो सूफी गानो का सिलसिला शुरू कर दिया सबसे ज्यादा उस समय ब्रज वासियों को आनंद आया जब कैलाश खेर ने बाहुबली फ़िल्म का गाना कौन है वो कहाँ से आया गाया तो लोग झूमने लगे। कैलाश खैर की प्रस्तुति को आम नागरिक हो या वीआईपी सभी अपने अपने मोवाईल फोन में रिकार्ड करते देखे गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास प्रशंसक माने जाने वाले पदम श्री कैलाश खैर ने बताया कि मंगलवार का दिन उनके लिए हमेशा खास रहा है जिसके कारण ही आज उनका यहां आगमन संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि कभी ऐसा भी समय था जब खाने के लाले थे। आज 4- 5 साल की मेहनत के बाद भगवान ने प्रकल्प शुरू कराया जिसका नाम है कैलाश खैर एकेडमी फ़ॉर लर्निंग आर्ट जिसका शार्ट नाम कला.इन है। पंजीकरण शुरू हो गया है केवल 250 रुपये में सीख सकते हैं इस प्रकल्प के जरिये।
कुल मिलाकर कहा जाए तो आज ब्रज रज उत्सव की सफलता का यह सबसे महत्वपूर्ण दिन रहा है जिसने भीड़ के नए रिकॉर्ड कायम कर दिए। खास बात यह भी रही कि अब तक जो इस आयोजन को लेकर मुखालफत कर रहे थे उनके मुंह पर भी जन समर्थन देख ताले जड़ गए हैं।
रिपोर्ट /- प्रताप सिंह