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औरैया,तेज आवाज में स्पीकर से गाना बजाते हुए हवा की गति से बेधड़क दौड़ते है ट्रैक्टर ने ली शिक्षिका की जान

औरैया,तेज आवाज में स्पीकर से गाना बजाते हुए यमराज की भांति हवा की गति से बेधड़क दौड़ते है ट्रैक्टर ने ली स्कूटी सवार महिला की जान

औरैया- ट्रैक्टर चालक की लापरवाही ने एक हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया। दो मासूम बेटियों को अब ताउम्र मां की आँचल की छांव नसीब नहीं होगी। चौराहों पर खड़े होकर बाइकों का चालान काटने वाली ट्रैफिक पुलिस और ओवरलोड के नाम पर ट्रकों से वसूली करने वाले परिवहन विभाग के अफसर यदि तेज गति में मुख्य मार्गों पर म्यूजिक साउंड बजाते हुए बेधड़क दौड़ रहे ट्रैक्टरों का चालान काटते तो शायद हादसों को रोका जा सकता है।
आपको बता दें कि आज सदर कोतवाली क्षेत्र के सुरान गांव के प्राथमिक विद्यालय में पदारूढ़ एक महिला शिक्षक को स्कूटी से स्कूल जाते समय सुरान रोड पर तेज गति से दौड़ रहे एक ट्रैक्टर चालक ने पहले टक्कर इसके बाद कुचलते हुए भाग खड़ा हुआ। महिला शिक्षक की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मां के साथ ही स्कूल जा रही उसकी अबोध बच्ची दूर जा गिरी। भगवान की कृपा से उसकी जान तो बच गई किन्तु अब वह जीवन पर्यंत मां की ममता से बंचित हो गई। अबोध बालिका और उसकी दूसरी मासूम बहन का रो रोकर बुरा हाल है और परिवार के अन्य सदस्य भी अबोध बालिकाओं को देख बार बार दहाड़ें मारकर बेसुध हो रहे हैं। माँ के बिना बेटियों की परवरिश कैसे होगी, इसका अंदाजा कोई भी आसानी से लगा सकता है।

कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर व ट्राली का रजिस्ट्रेशन कराने वाले ज्यादातर ट्रैक्टर व्यापारिक कार्यों में लगे हुए देखे जा सकते हैं। कोई मिट्टी के खनन व ट्रांसपोर्टेशन में तो कोई बाजारों में माल की ढुलाई में लगा हुआ है। इंजन की छतरी में स्पीकर बांध कर तेज आवाज में गाना बजाते हुए ट्रैक्टर चालक व्यस्ततम मार्गों पर भी हवा की गति से ट्रैक्टर दौड़ाते हुए कहीं भी और कभी भी देखे जा सकते हैं। इनका ब्रेक भी इतना पॉवरफुल नहीं होता कि इमरजेंसी में गति को कंट्रोल किया जा सके। शहर के लगभग हर चौराहों और मार्गों पर इनकी बेलगाम गति देखी जा सकती है। ट्रैफिक पुलिस हो या ट्रांसपोर्ट विभाग! यह लोग बाइकों को रोककर भद्र व्यक्तियों को अपमानित करने और उनका चालान काटने में ही अपनी शान समझते हैं। कृषि कार्य के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराकर अवैध धंधों में लगे ऐसे वाहन इनकी अवैध कमाई का जरिया हैं। ट्रैक्टर की टक्कर से दर्दनाक मृत्यु को वरण करने वाली शिक्षिका को तो अब जिंदा नहीं किया जा सकता लेकिन फिर कोई मासूम अपनी माँ की ममता से महरूम न हो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सख्ती दिखानी होगी।

ए, के, सिंह संवाददाता