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बाराबंकी-रोड के किनारे चोट खाकर मासूम गोवंश जान गवा रहे हैं सरकार घोषित करें गाय को राष्ट्रीय पशु

रोड के किनारे चोट खाकर मासूम गोवंश जान गवा रहे हैं सरकार घोषित करें गाय को राष्ट्रीय पशु

रामनगर बाराबंकी माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की ओर से केंद्र सरकार को सुझाव देते हुये यह कहा गया था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाय।जिसमे राष्ट्र के उत्थान की मंशा निहित है।लेकिन वर्तमान समय मे गो वंशो की हालत बहुत ही दयनीय है।यह हाल चारो तरफ तब दिखाई और सुनाई पड रहे है जब प्रदेश सरकार के मुखिया आदित्य नाथ योगी स्वंय गो वंशो की हालत मे सुधार के प्रति दृढ संकल्पित रहकर तमाम गौशालाओ का निर्माण कार्य करवाकर दिन रात कल्याण के कार्यो को अमली जामा का रुप लगातार प्रदान कर रहे है।लेकिन उनकी ओर से जारी किये सख्त दिशा निर्देश और भारी भरकम धनराशि के व्यय का कोई विशेष लाभ न तो किसान और न ही गो वंशो को मिलता हुआ दिखाई पड रहा है।गाय और गो वंश बुरी तरह गौशालाये तथा सड़क मार्गो के किनारे घायल होकर मर रह रहे है।आश्चर्य जनक बात तो यह है कि जिम्मेदार अधिकारी सरकारी दिशा निर्देश के प्रति थोडा भी गंभीर नही दिखाई पड रहे है।जिससे न तो गो वंशो को और न ही किसानो को कोई राहत मिल रही है।गाय हमारी माता है गाय ईश्वर का रूप है हिंदू धर्म में गाय पूंजी जाती है मगर आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में गो वंश घायल पीडित रहकर इधर उधर तडप तडप कर मर रहे है और किसान दिन रात्रि खेतो की रखवाली करने को विवश है।धीरे धीरे अधिक और टिकाऊ बिकाऊ आमदनी की चाहत मे किसानो ने गाय पालना कम करके भैसो को बढावा दे दिया है।अब वह दुधारू भैंस पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं।आपको इस समय रोड के किनारे गली मोहल्ले हर जगह गाय बैल घूमते हुये मिल जायेगी।योगी सरकार मोदी सरकार घूमने वाले जानवरों के लिये प्रत्येक क्षेत्र मे गौशालाओ का निर्माण कार्य भी करवाया है।लेकिन आला अधिकारियो ने जीरो टांलरेश को धता बताकर जमकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।जिससे भारी भरकम धनराशि व्यय हो जाने के बावजूद कोई विशेष लाभ आमजनो को मिलता हुआ नही दिखाई पड सका।किसानो की पीडा थमने का नाम नही ले रही है और यह गो वंश भी जगह जगह घायल अवस्था में दिख रहे हैं कोई इन मासूम पशुओं की सुध लेने वाला नहीं है।आमजनो की आवाज से भाजपा सरकार ने गोवंश की हत्या पर तो रोक लगा दी।गोवंशो का मांस नहीं बिकेगा और बूचड़खाने भी बंद हो गये।लेकिन लोगो की ओर से छोडे जाने वाले गो वंशो पर कोई प्रभावी सख्ती नही लगाई जा सकेगी और न ही इन महाभ्रष्ट अधिकारियो और लुटेरे रहनुमाओ के ऊपर कोई सख्त कार्यवाही की गयी।जिससे प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ की चाहत आमजनो के मध्य फलीभूत होती हुई दिखाई पड सकी।अब लोगो मे सवाल इस बात का है कि तहसील रामनगर के क्षेत्र मे घूम रहे पीडित हजारो गो वंश घुट घुट कर इसी तरह मरते रहेगे और किसान भी परेशान रहने को मजबूर बना रहेगा अथवा योगी आदित्यनाथ संज्ञान में लेकर इन महाभ्रष्ट अधिकारियो की भ्रष्ट कार्यशैली के ऊपर कोई प्रभावी लोक लगा पायेगे।खैर यह बात तो अभी भविष्य के गर्भ मे है।इधर उधर घुट घुट कर मर रहे इन बे जुबान पशुओ के प्रति पशु चिकित्सक भी घोर लापरवाह साबित हो रहे है।लोगो के द्वारा सूचना देने और बुलाये जाने पर भी यह उक्त जानवर को एक नजर देखना भी पसन्द नही करते।क्षेत्र मे बनी गौशालाओ के किनारे बडी बडी खाई भी बनाई गयी थी।आज उसी मे सूत्रों अनुसार यातनाघरो मे यातना की बदौलत मर जाने वाले पशुओ की अस्थिया मिल जाती है।अभी विगत दिन विकास खंड रामनगर के अंतर्गत पशु चिकित्सालय के चिकित्सक से हमारे संवाददाता पीडित घायल गाय के इलाज हेतु बात की तो उन्होंने बताया कि हम इलाज हेतु सहायक को भेज रहे हैं लेकिन कोई भी चिकित्सक व कर्मचारी गाय का इलाज करने उस दिन नहीं आया है।बहरामघाट के गणेशपुर लोहटी जई मोड़ के पास विगत तीन दिन से एक सफेद गाय रोड के किनारे बड़ी तड़प रही है।पैर पूरी तरह से घायल हो जाने से कीड़े पड़ गए है उपचार की सख्त जरूरत है लेकिन रामनगर के चिकित्सक और उनके सहायको ने वहा जाना भी मुनासिब नही समझा।संवाददाता ने जब गौ रक्षक से बात की उन्होंने कहा चिकित्सक कर्मी को भेज रहे है लेकिन उस दिन कोई चिकित्सक नही पहुँचा दूसरे दिन उस गाय का मलहम पट्टी कर इंजेक्शन दिया गया।