पंकज शाक्य
करहल/मैनपुरी
कस्बा करहल के पुराना थाना रोड स्थित श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ जिनालय में 45 दिवसीय महा अर्चना पाठ के दौरान मेडिटेशन गुरु विहसन्त सागर ने प्रवचन में कहा मानव जीवन में आत्मज्ञान होना बेहद जरूरी है। जब तक आत्मज्ञान नहीं होगा तब तक दुनिया की चाहे कितने ज्ञान ले लो सभी व्यर्थ हैं। व्यक्ति संसार में दुखी तब तब होता है जब तक उसे आत्मज्ञान नहीं होता है उसे यह नहीं मालूम क्या सही है और क्या गलत जिस दिन उस व्यक्ति को आत्मज्ञान हो गया वह घर मैं रहकर एक सन्यासी की तरह जीवन जीने लगेगा हमारे आचार्य गुरुवर कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने बच्चे के साथ बाजार में जाता है या मेले में जाता है और बच्चा वहाँ देख कर खिलौने लेने की जिद करने लगता है तो वह व्यक्ति अपने बच्चे को खिलौना दिलाता है खिलौने दो प्रकार के होते हैं एक प्लास्टिक का खिलौना और दूसरा मिट्टी का बना हुआ खिलौना प्लास्टिक से बना खिलौना दो से तीन महीने तक चल जाता है जबकि मिट्टी से बना खिलौना घण्टे दो घण्टे तक चलता है और वह खिलौना टूट जाता है अचानक खेलने वाला बच्चा रोने लगता है खिलौना के टूटने पर बच्चा अपनी माँ पर गुस्सा करने लगता है तो मां समझाते हुए कहती हैं खिलौना है टूट गया नया फिर आ जाएगा और बच्चा गुस्सा करने के बाद सो जाता है इसका मतलब यह बच्चे को आत्म ज्ञान नहीं है बच्चा अज्ञानी है जबकि मां को आत्म ज्ञान था यह खिलौना है ये रियल्टी थी रियल नही है वह जानती है कि खिलौना टूट गया फिर से नया आ सकता है। बच्चा अभिज्ञानकारी है। यही संसार का नियम है अगर आप पति बहन अगर आपको छोड कर चली गयी इस दुनिया से और आप उसके लिए रो रहे हो विलख रहे हो क्यों कि आपको अभी आत्म ज्ञान नहीं है जिस दिन आपको आत्म ज्ञान होगा तो अपने आप रोना छोड़ दोगे। आपको पता चल जायेगा रेलगाड़ी जिस मोक्ष मार्ग पर चल रही थी संसार के मार्ग पर चल रही थी जिस दिन जिसका स्टेशन आ गया वो चला गया इस मतलब यही है । महानुभाव आपका साथ आज भी उतना ही है जितना साथ खिलौने का है । हमारी जिंदगी भी खिलौने की तरह है जिसकी चल गई उसकी चल गयी । जिसकी नही चल पायी उसकी रुक गयी। इसका उद्देश्य सिर्फ यही है आपने आप पर आत्म ज्ञान होंना जरूरी है। बुधवार के सौ धर्म इंद्र अबनीश जैन बुलाकी, सारिका जैन रपरिया कुबेर इंद्र सुबोध जैन,संध्या जैन व शांतिधारा आकाश जैन सुरभि जैन मुजफ्फरनगर, विपिन नीलम,अर्पित,आयुष,अनंत कुमार,संतोष,अनुराग,अनुज,अंकुर मोदी ने की। इस अवसर पर मनीष जैन, विनय मुजवार, हिमांशु जैन पत्रकार, अबधेश जैन कल्लू, अवनीश जैन बुलाकी, आदेश जैन हवेली, सुशील जैन लल्लन, जितेंद्र जैन बजाज, राजेश मुजवार, सुबोध रपरिया, मनोज रावत, सुशील जैन चिंटू, अमित जैन शास्त्री, आलोक बकेबरिया, अंकित मुजवार, हर्ष रपरिया, ऋषभ जैन, जतिन रपरिया व अन्य लोग मौजूद रहे।