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औरैया -पत्रकार व अधिवक्ता कई हप्तों लगातार सत्यागृह पर बैठे फिर भी सूबे का मुखिया सोया -: सतेन्द्र सेंगर

पत्रकार व अधिवक्ता कई हप्तों लगातार सत्यागृह पर बैठे फिर भी सूबे का मुखिया सोया -: सतेन्द्र सेंगर

 

केंद्र सरकार, किसान आंदोलन में शहीद हुये किसान परिवारों को 10- 10 लाख रूपये का मुआवजा एवं एक मृतक किसान आश्रित परिवार के व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाये -: सतेन्द्र सेंगर
जन समस्याओं के निस्तारण के लिये पत्रकारों एवं अधिवक्ता द्वारा लम्बे समय तक किये गये सत्यागृह/भूख हड़ताल करने पर सत्यागृहियों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाये -: सतेन्द्र सेंगर
👉🏻 लोक तांत्रिक व्यबस्था के आधार पर जन समस्याओं का निस्तारण करना जिला प्रशासन एवं सूबे की सरकार की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिये – सतेन्द्र सेंगर

जैसा कि आप सभी लोग देखते आ रहे हैकि मीडिया अधिकार मंच भारत वह संगठन है जोकि समाज एवं देश हित में निष्पक्ष/निर्भीकता से कार्य करती आ रही है, आज मौजूदा सरकार जोकि भ्रष्टाचार खत्म करने व सबका साथ सबका बिकास करने की बात कहते नही थक रहे है, वहीं पर जन समस्याओं के निस्तारण कराने के लिये पत्रकारों व अधिवक्ताओं को सत्यागृह/धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है,
मीडिया अधिकार मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सेंगर ने मौजूदा सरकार की कानून ब्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये कहा हैकि प्रदेश में प्रशासनिक ब्यवस्था बत से बत्तर हो चुकी है, जहाँ आप लोग लगातार प्रकाशन व शोसल मीडिया के माध्यम से देखते आ रहे होंगे कि कानपुर देहात में जिला प्रेस क्लब द्वारा बिगत कई हप्तों से भ्रस्ट प्राइवेट अस्पताल संचालकों के बिरुद्ध जनहित की 8 सूत्रीय मांगे को लेकर निरंतर सत्यागृह करते आ रहे थे, जिनमें से सत्याग्रही पत्रकार साथी दीपक सिंह चौहान दिनांक 25 अक्टूबर 2021 से भूख हड़ताल शुरू करने पर मजबूर होना पड़ा, सत्याग्रह के 36वें दिन एवं भूख हड़ताल के 29 वें तक जिला प्रशासन एवं सूबे के मुखिया द्वारा सत्यागृह का अनदेखा किया गया जाता रहा अंत में जिला प्रशासन ने 29 दिन के बाद जिला प्रशासन को हार माननी पड़ी और सत्याग्रही पत्रकार साथी विजय शंकर कौशल एवं ब्रजेन्द्र गुप्ता समेत दीपक सिंह चौहान की बात पर अमल करते हुए जनहित की आठ सूत्री मांगों पर एक महीने में कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया है,
वहीं पर दूसरी ओर सुल्तानपुर जिला कलेक्ट्रेट में एस एन उपाध्याय अधिवक्ता साथी द्वारा दुर्गा मंदिर पर दबँगो द्वारा कब्जा करने एवं आम रास्ता को अवरुद्ध करने पर निरंतर 68 दिन से सत्यागृह/धरना प्रदर्शन करते आ रहे है, इसके बाद भी वहाँ का प्रशासन एवं मौजूदा सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि आँख में पट्टी बांधकर बैठे है,
सतेन्द्र सेंगर ने यह भी कहा है केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेकर स्वयं की पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है, किसान आंदोलन में शहीद हुये किसान परिवारों को 10- 10 लाख रूपये का मुआवजा एवं एक मृतक किसान आश्रित परिवार के व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिये
वहीं पर सतेन्द्र सेंगर ने यह भी कहा हैकि जन समस्याओं के निस्तारण कराने के लिये पत्रकारों व अधिवक्ता द्वारा एक लम्बे समय तक सत्यागृह/भूख हड़ताल किया जाता रहा है, जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन एवं सूबे की सरकार है, लोक तांत्रिक व्यबस्था के आधार पर जन समस्याओं का निस्तारण करना जिला प्रशासन एवं सूबे की सरकार की प्रथम प्राथमिकता है

ए, के, सिंह संवाददाता