औरैया,भारतीय संविधान को वोटों की राजनीति के चलते कुचला जाता रहा है -: सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष” मीडिया अधिकार मंच भारत
ए, के, सिंह संवाददाता
औरैया, आज 26 नवंबर पूरे भारत में जगह जगह संविधान दिवस मनाया जा रहा है, भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष” मीडिया अधिकार मंच भारत ने समस्त भारतीय नागरिकों को संविधान दिवस की सुभकामनाये देते हुये कहा है, आजाद भारत के महापुरुषों के अथक प्रयास और त्याग के चलते संविधान की नियमावली बनाकर उसे सम्पूर्ण भारत के लिये पारित तो किया गया है, जोकि भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है, इसी क्रम में सतेन्द्र सेंगर ने कहा हैकि भारतीय संविधान बनने के राजनैतिक दलों उनके अनुच्छेद के अधिकारों को अनदेखा करते हुये कुचलने का कार्य किया जाता रहा है, और वोटों की राजनीतिकीकरण के चलते संविधान निर्माता/रचेयता डा. भीमराव अम्बेडकर को राजनीतिकीकरण वोट बैक बढ़ाने मात्र के लिये प्रयोग होता आ रहा है, तथा संविधान के (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने भारत के संविधान में अंत स्थापित अनुच्छेद 21-क, ऐसे ढंग से जैसा कि राज्य कानून द्वारा निर्धारित करता है, मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है। तथा सतेन्द्र सेंगर ने यह भी कहा हैकि संविधान के अनुच्छेद 344. खंड (2) के अधीन अपने देश की औद्योगिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उन्नति का किये जाने का तो उल्लेख किया गया है, परन्तु देश की सम्पति को बेचा जाना/निजीकरण किया जाना संविधान के किस अनुच्छेद में लिखा है, यह हमारी समझ से बारह है, वोटों की राजनीति के चलते एवं राज शाही ठाठ में रहने के कल्चर देश के संविधान एवं देश के भविष्य के साथ सरेआम खिलवाड़ करते हुये अपनी अपनी राज शाही ठाठ बनाने में लगे है,