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बाराबंकी। विकास वास्तव में प्रकृति का श्रृंगार है। आधुनिकीकरण के दौर में विकास प्रकृति के प्रतिकूल होता चला गया है।

  1. बाराबंकी। विकास वास्तव में प्रकृति का श्रृंगार है। आधुनिकीकरण के दौर में विकास प्रकृति के प्रतिकूल होता चला गया है।
    यह विचार मुख्य अतिथि डॉ अर्जुन पाण्डेय, पर्यावरणविद संस्थापक अमेठी जल बिरादरी ने साहित्यकार समिति बाराबंकी द्वारा पटेलनगर में आयोजित वृक्ष-रत्न प्रदीप सारंग के स्वागत समारोह में व्यक्त किये। पिछले सप्ताह स्वदेशी समाज सेवा समिति ने शिकोहाबाद में प्रदीप सारंग को वृक्ष-रत्न सम्मान प्रदान किया गया है, जो बाराबंकी के लिए गौरव की बात है। स्वागत समारेह को सम्बोधित करते हुए श्री पाण्डेय ने यह भी कहा कि वर्तमान में देश भर में प्रदीप सारंग जैसे प्रकृति प्रेमियों द्वारा पौधरोपण के जो अभियान चलाए जा रहे हैं वह प्रशंसनीय
    समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुजीत चतुर्वेदी प्रबन्धक टीआरसी लॉ कालेज ने कहा कि प्रदीप सारंग के कार्य अनुकरणीय हैं।
    विशिष्ट अतिथि डॉ. सीताराम सिंह प्राचार्य जनेस्मा पीजी कालेज ने कहा कि पर्यावरण वर्तमान का सबसे अधिक संवेदनशील मुद्दा है। सभी को अपना योगदान देना ही चाहिए।
    डॉ. विनयदास के संयोजन व डॉ श्याम सुन्दर दीक्षित के संचालन में सम्पन्न सम्मान समारोह को प्रदीप सारंग सहित साहित्यकार अजय सिंह गुरुजी, आँखें फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानन्द वर्मा, ग्रीन गैंग समन्वयक रजत बहादुर वर्मा, विद्यार्थी परिषद के संयोजक सीताकान्त स्वयंभू, लेखक इकबाल राही ने भी संबोधित किया। पर्यावरण प्रहरी डीके शुक्ला ने पौधा, शशिप्रभा ने स्मृति चिन्ह, यूनिक सोशल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष व लेखक पंकज कँवल ने शाल, ग्लोबल फाउण्डेशन के महासचिव अनुपम वर्मा ने तुलसी का पौधा, अब्दुल खालिक ने शाल प्रदान कर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ0 कुमार पुष्पेन्द्र, प्रदीप महाजन, धीरेन्द्र चौधरी, कवयित्री किरन भारद्वाज, पैरा सोलर सिस्टम प्रा.लि. की डायरेक्टर ऐश्वर्या भारद्वाज, तान्या भारद्वाज, लोक गायिका पूजा पाण्डेय, पूर्व शासकीय अधिवक्ता भरत लाल यादव, राम सेवक श्रीवास्तव, साहब नारायन शर्मा, दीपक दिवाकर, हिमांशू पाठक, ऋषभ आदि मौजूद थे।