फेसबुक के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रोहिंग्याओं के संगठनों ने अमेरिका और ब्रिटेन में कंपनी पर कुछ केस डाले हैं। इसमें फेसबुक को म्यांमार में रोहिंग्याओं के नरसंहार के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
आरोप में कहा गया है कि फेसबुक की लापरवाही की वजह से ही रोहिंग्याओं का नरसंहार मुमकिन हुआ, क्योंकि सोशल मीडिया नेटवर्क की एल्गोरिदम ने घटनाओं के दौरान नफरती भाषणों (हेट स्पीच) को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
शिकायत में आगे कहा गया- “आखिर में म्यांमार में फेसबुक के पास हासिल करने के लिए काफी कम था, लेकिन रोहिंग्याओं पर इसके नतीजे इससे भयानक नहीं हो सकते थे। इसके बावजूद फेसबुक ने जरूरी साधन होने के बावजूद गलत बयानी रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, बल्कि पहले के ढर्रे पर ही आगे बढ़ता रहा।”
शिकायत में आगे कहा गया है कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जो कि म्यांमार में 2011 में लॉन्च हुआ और बाद में देशव्यापी बन गया, इसने रोहिंग्याओं के खिलाफ चलाए गए अभियान में एक तरह की मदद की।