यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने राज्यसभा में मथुरा का श्रीकृष्ण जन्म भूमि विवाद उठाया। शून्यकाल के दौरान उन्होंने मांग रखी कि उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 को असांविधानिक करार दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह कानून किसी भी उपासना स्थल को परिवर्तित करने से प्रतिबंधित करता है। उपासना स्थलों का वही स्वरूप बनाए रखता है जो 15 अगस्त 1947 में था। सिंह ने कहा कि किसी कानून में ऐसा प्रावधान संविधान में दिए समानता के अधिकार और प्रस्तावना में उल्लेखित धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करता हैं।
यादव ने कहा कि इसी कानून ने अयोध्या की राम जन्मभूमि को अपवाद माना, लेकिन बाकी सभी धर्म स्थलों के कानूनी विवाद खत्म करार दिए। इस प्रकार कानून के जरिए भगवान राम और भगवान कृष्ण के बीच भी भेदभाव किया गया है।
एनसीपी से सदस्य फौजिया खान ने कहा कि ये संस्थाएं कानून अपने हाथ में ले रही हैं। वे नागरिकों का सामाजिक बहिष्कार और अपमान करवाती हैं। इनको पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।