ओमीक्रोन का खौफ शेयर बाजार पर भारी पड़ गया। इस गिरावट को रियल इस्टेट बाजार अपने लिए शुभ मान रहा है। इस सेक्टर का मानना है कि बाजार का यह हाल देख टियर-2 और टियर-3 शहरों के निवेशक अच्छा मुनाफा लेकर बाहर निकल रहे हैं।
उनके हाथ में आई रकम से रियल इस्टेट बाजार रफ्तार पकड़ेगा। शेयर बाजार के इस हाल की वजह ओमीक्रोन है। कोरोना के नए वैरिएंट के कारण यूरोपीय देशों में फिर से प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।ओमीक्रोन के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए निवेशक भी घबरा गए हैं और जोखिम वाली संपत्ति में निवेश से दूरी बना रहे हैं।
शेयर बाजार में मची उथल-पुथल को रियल इस्टेट अपने लिए अच्छे संकेत मान रहा है। दरअसल पिछले साल कोरोना की पहली लहर से दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन लंबे समय तक रहा। देश में केवल शेयर बाजार खुला था। घरों में बैठे नौकरीपेशा और छोटे व्यापारियों ने आय के नए विकल्प के रूप में शेयर बाजार में प्रवेश किया।
ये बिकवाली फायदे में की गई है। रीयल इस्टेट की सबसे बड़ी संस्था क्रेडाई यानी द कन्फेडरेशन ऑफ रियल इस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया का मानना है कि शेयर बाजार से बेचकर बाहर निकले निवेशक रियल इस्टेट बाजार में आएंगे क्योंकि अच्छी ग्रोथ इस सेक्टर में है। खास तौर पर टियर-2 व टियर-3 शहरों में घर, जमीन और फ्लैट्स की मांग में कम से कम 15 फीसदी की तेजी पहले चरण में आएगी।