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अलीगढ़ की नुमाइश न बन जाये शहर के लिए दुखदाई,

  1.  अलीगढ़ की नुमाइश न बन जाये शहर के लिए दुखदाई, जब प्रशासन को पता था नाइट कर्फ्यू लगेगा तो क्यों लगवा दी नुमाइश।

एंकर :- एक तरफ़ जहाँ कोरोना की तीसरी लहर नए वेरिएंट ओमीक्रोन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक कोरोना रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया है। जिसका अलीगढ़ प्रशासन को पहले से अनुमान था। बावजूद उसके प्रशासन द्वारा अलीगढ़ शहर में नुमाइश का आयोजन कराया जा रहा है। जहाँ हर रोज हजारों की संख्या में लोग दूर-दराज से भीड़ के रूप में एकत्रित होते हैं। अलीगढ़ नुमाइश में दिन में तो भीड़ रहती ही है। शाम होने के बाद नुमाइश में पैर रखने की भी जगह नहीं रहती है। 25 दिसंबर की रात से लागू हुए रात्रि कर्फ्यू का भी नुमाइश में मिला जुला असर देखने को मिला। देर रात तक लोग बिना मास्क लगाए भीड़ के रूप में दिख रहे थे। पुलिस प्रशासन ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में नाईट कर्फ्यू के अलर्ट जारी करना शुरू कर दिया तो वहीं नुमाइश में भी पुलिस अलर्ट नजर आई और दुकानों को बंद कराना शुरू करा दिया गया। लेकिन बावजूद उसके नुमाइश में भीड़ देर रात तक देखी गई। अब वहीं, बात करें नुमाइश के दुकानदारों की तो उनका कहना है कि प्रशासन ने उन्हें फंसा दिया है। जब प्रशासन को पता था कि कर्फ्यू लगेगा तो नुमाइश का ठेका क्यों उठवा दिया गया। इस तरह से प्रशासन ने खुद का तो फायदा कर लिया लेकिन दुकानदारों को घाटे में डाल दिया है। उनका कहना है कि नुमाइश में जो रंग आता है वह शाम से रात्रि 3 बजे तक रहता है और उसी में असली दुकानदारी होती है, लेकिन अब खर्चा निकालना भी मुश्किल पड़ जायेगा। लाखों का ठेका लिया,,माल लगाया, लेबर भी देनी है। वहीं, नुमाइश देखने वालों का कहना है कि जब काम धंधे से फ्री होते हैं तब रात को ही नुमाइश में आये तो यहां पुलिस डंडे मारकर भगा रही है। राजनीतिक पार्टियां दिन में जनसभाएं करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं और प्रशासन नुमाइश के रूप में भीड़ जुटा रहा है। और रात होते ही डंडे फटकार रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कि मानो दिन में सुबह 5 से कोरोना सो जाता है और रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कोरोना जागजाता है।