औरैया,राष्ट्रीय गौरक्षकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने मुख्य सचिव उ0प्र0 को लिखा पत्र
औरैया राष्ट्रीय गौरक्षकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कौशल किशोर पाण्डेय ने मुख्य सचिव उ0प्र0 को पत्र लिखकर गौमाता को भरण पोषण हेतु जो भूसा गौशालाओं के द्वारा खरीदा जाता है, वह भूसा का बंडल बनाकर ईंट के भट्ठे में इंडस्ट्रियल यूज़ में लोग प्रयोग करने लगे हैं। जिससे गौमाता को खिलाने हेतु भूसा इतना मंहगा हो गया है कि जो गौशालाओं में धनराशि रुपए 30/- के हिसाब दिया जाता है वह पर्याप्त नही पड़ता है, जिससे गौशालाओं का संचालन करने वाले उचित व्यवस्था कर पाने में असमर्थ हैं। ऐसे में गौमाता कुपोषण की शिकार हो जाती हैं। आज गौशालाओं संचालक चाहते हुए भी गौमाता का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं। इसलिये गौमाता को चारे की संकट उत्पन्न हो जाती है,एकाध पशु का देखभाल हो तो एडजस्ट किसी तरह से हो जाता है। बड़ी संख्या में यह मुमकिन नही है। कई गौशाला में टीम द्वारा निरीक्षण करने पर गौशाला संचालक ने कहा कि एक गाय एवरेज 8 से 10 किलो 24 घंटे में भूषा,चोकर,हरा चारा मिलाकर खा जाती है,ऐसे में जो धनराशि 30 रुपए उत्तरप्रदेश सरकार के द्वारा गौशाला को दी जा रही है उसमें ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 kg सूखा भूषा ही उपलब्ध हो सकेगा। बाजरे का चारा जो आसानी से मिल जाता था,आज उसका गत्ता बनाने के कार्य में उपलब्ध हो रहा है। ऐसे में स्थाई गौसंचालको के सामने धर्मसंकट की स्थिति पैदा हो गई है, आज जो धनराशि 30 रुपये प्रति पशु के हिसाब से प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है वह इस आसमान छू रही मंहगाई में ना काफी है। इसलिए राष्ट्रीय गौरक्षक दल का आपसे आग्रह है कि इस धनराशि को इस महंगाई में कम से कम 100रुपये प्रति पशु तक किया जाए, नही तो गौमाता कुपोषण की शिकार होकर असमय खाने के चारे के अभाव में दम तोड़ देंगी। जो ऊचित नही है।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से निवेदन के साथ आग्रह किया है कि इंडस्ट्रीज में गौमाता के खिलाने वाले भूसा के प्रयोग पर तुरंत रोक लगाया जाए, जिससे आसमान छू रहे गौचारे की कीमत कम हो सके।
ए,के,सिंह संवाददाता जनपद औरैया