ज़ीरो टॉलरेंस के मामले में देश के 11 पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड तीसरे पायदान पर रहा. नीति आयोग की वर्ष 2020-21 रिपोर्ट में हुआ. जबकि इससे पहले 2019-20 में उत्तराखंड दूसरे पायदान पर था.
उत्तराखंड में सुशासन सूचकांक के मामले में गिरकर तीसरे पायदान पर आना कई सवाल खड़े करता है. उत्तराखंड का पड़ोसी राज्य हिमाचल से नीचे खिसकर तीसरे नंबर आ गया है, जबकि 2019 में उत्तराखंड दूसरे पायदान पर था. ये तब हुआ है जब प्रदेश भर में बीजेपी सरकार जीरो टारलेंस का राग अलाप रही है.
न्यायिक मामलों के निपटारे में उत्तराखंड की रैंकिंग दूसरी रही. पुलिस और महिला पुलिस की उपलब्धता के मामले में उत्तराखंड की रैंकिंग दूसरे स्थान पर है. इसमें नगालैंड पहले स्थान पर है.
उत्तराखंड का स्थान तीसरा है. जनस्वास्थ्य के मामले में मिजोरम पहले, हिमाचल छठे और उत्तराखंड सातवें स्थान पर है. जन अवस्थापना गतिविधि में पड़ोसी राज्य हिमाचल पहले पायदान पर जबकि उत्तराखंड आठवें स्थान पर है.