नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2021: पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तकनीक के क्षेत्र में काफ़ी तरक़्क़ी की है। नए-नए स्टार्टअप्स ने ना केवल लोगों को सहूलियतें दीं, बल्कि ज़िंदगी को भी आसान बनाया है। इन सबके बीच तेज़ी से बढ़ते सोशल मीडिया के दायरे ने लोगों को मुखर बनाया और देश में लोगों को उनकी अपनी ज़ुबान में अभिव्यक्ति के लिए एक नए मंच की ज़रूरत आन पड़ी, जिसके लिए मार्च 2020 में भारत का पहला बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म Koo App सामने आया। केवल कन्नड़ भाषा से शुरू हुआ यह ऐप लोगों को ज़बरदस्त ढंग से भाया और आलम यह है कि 2021 में इस देसी ऐप ने सफलता के ज़बरदस्त सोपान जोड़े। इस वर्ष Koo App को देश की जनता का ज़बरदस्त प्रेम मिला और अब यह मंच दो करोड़ से ज़्यादा लोगों की दमदार आवाज़ बन गया है। ऐसे में यह जानना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि इस साल Koo App की तरक़्क़ी की कहानी के सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर कौन से रहेः
2 करोड़ डाउनलोड हुए पूरे
दिसंबर 2021 के मध्य तक Koo App ने 2 करोड़ डाउनलोड का आँकड़ा छूने के साथ महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लिया। इसमें सबसे ज़्यादा ज़रूरी बात यह रही कि इस देसी मंच ने इसमें से अंतिम एक चौथाई यानी 50 लाख से ज़्यादा यूज़र्स केवल दो माह के भीतर जोड़े। इससे पहले अक्टूबर 2021 में Koo App के कुल डाउनलोड 1.50 करोड़ को पार कर गए थे। उस वक़्त भी 50 लाख डाउनलोड केवल तीन माह के भीतर हासिल किए गए थे। जबकि इससे पहले मार्च 2020 में लॉन्च किए जाने के बाद से यह प्लेटफ़ॉर्म लगातार नए यूज़र्स को जोड़ना जारी रखे था। हालाँकि, इस साल के अंतिम क़रीब पाँच महीनों में इसके एक करोड़ से ज़्यादा डाउनलोड्स ने यह साबित कर दिया कि यह लोगों को काफ़ी पसंद आ रहा है।
10 भाषाओं में आ गया Koo App
मार्च 2020 में कन्नड़ की लॉन्चिंग के साथ Koo App अब हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, बंगाली, असमिया और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध हो चुका है। यह प्लेटफॉर्म वास्तव में समावेशी यानी सबको जोड़ने वाला है- क्योंकि यह डिजिटल स्तर पर भाषा की बाधाओं को दूर करने के साथ ही लोगों को उनकी सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के बावजूद एकसाथ जोड़ता है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद यूज़र्स में मशहूर हस्तियां भी शामिल हैं, जो अंग्रेजी अनुवाद की ज़रूरत के बिना स्वयं को अभिव्यक्त करते हैं और अपनी पसंद की भाषाओं में स्वतंत्र रूप से अपने विचार साझा करते हैं। इसके अलावा, मंच की एक अद्भुत विशेषता है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है। यह यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है, क्योंकि यह ज़्यादा यूज़र्स को जोड़ता है, जिससे प्लेटफ़ॉर्म पर काफ़ी सक्रियता बढ़ जाती है। Koo App जल्द से सभी 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं में ख़ुद को उपलब्ध कराने की दिशा में तेज़ी से जुटा है।
एशिया पैसिफ़िक का सबसे हॉट डिजिटल ब्रांड
एम्प्लिट्यूड द्वारा बनाई गई ‘द प्रोडक्ट रिपोर्ट 2021’ में Koo App को एशिया पैसिफिक क्षेत्र (APAC) के अगले 5 सबसे हॉट प्रोडक्ट्स की सूची में नंबर 3 पायदान पर रखा गया था। इस प्रतिष्ठित रिपोर्ट में रेटिंग प्राप्त करने के लिए APAC, अमरीका और EMEA में Koo एकमात्र सोशल मीडिया ब्रांड था, जबकि रिपोर्ट में नाम पाने वालों में यह भारत के केवल दो ब्रांडों में से एक था। इस रिपोर्ट में लोगों के डिजिटल जीवन को आकार देने वाले सबसे उभरते डिजिटल उत्पादों को शामिल किया गया था और Koo App को “मुख्य रूप से भारतीय यूज़र्स के लिए एक अनोखा अंतर लाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म” बताया गया। इसमें आगे कहा गया कि Koo “एक अरब से ज्यादा आबादी के लिए उनकी पसंद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनने के लिए तैयार है।”
भाषाओं पर पहली बार इतना बड़ा काम
सभी भाषाओं में कंटेंट मॉडरेशन को मजबूत करने और दुरुपयोग रोकने के लिए इस वर्ष Koo App ने भारत सरकार के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज (CIIL) के साथ हाथ मिलाया। ऐसा पहली बार था जब CIIL ने किसी सोशल मीडिया इकाई के साथ एक समझौता किया हो। Koo App की होल्डिंग कंपनी बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के CIIL के साथ किए गए समझौते का मक़सद ऑनलाइन भाषा के उचित इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ ही ऑनलाइन दुर्व्यवहार, बदमाशी और भारतीय भाषाओं में आपत्तिजनक और अश्लील वाक्यांशों के इस्तेमाल को सीमित करना है। इस समझौते के जरिये CIIL शब्दों, वाक्यांशों, संक्षिप्त रूपों और संक्षिप्त शब्दों सहित अभिव्यक्तियों का एक कोष तैयार करेगा, जिन्हें 22 आधिकारिक भाषाओं में आक्रामक या संवेदनशील माना जाता है। यह सोशल मीडिया पर ज़िम्मेदाराना ऑनलाइन व्यवहार को प्रोत्साहित करने और यूज़र्स को ऑनलाइन सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए एक दीर्घकालिक समझौता है। Koo App खासकर सोशल मीडिया पर मूल भाषाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों के तर्क, व्याकरण और संदर्भ की गहरी और सूक्ष्म समझ विकसित करने के साथ ही आपत्तिजनक शब्दों और वाक्यांशों की पहचान करने में मदद करेगा, जो कलह और ऑनलाइन बदमाशी का कारण बन सकते हैं। यह यूजर्स को उनसे जुड़ी भाषाओं में ज़्यादा अच्छा कंटेंट क्यूरेट करने में सहायता करेगा और इस प्रकार भारत के अग्रणी बहुभाषी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में Koo की स्थिति मजबूत को मज़बूत करता है।
यूज़र्स की सुरक्षा के लिए पहल
Koo सक्रिय रूप से यूजर्स को सोशल मीडिया को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने के लिए शिक्षित कर रहा है। देसी भाषाओं में अभिव्यक्ति को सक्षम बनाने वाले Koo App पर अधिकांश यूजर्स ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया पर पहली बार आए हैं। ऐसे में ऑनलाइन सुरक्षित और सकारात्मक रहने की जरूरत अत्यधिक महत्व रखती है। Koo App ने अक्टूबर में नागरिकों की साइबर सुरक्षा पर जागरूकता पैदा करने के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) के साथ संयुक्त रूप से कई गतिविधियाँ संचालित करने के लिए सहयोग किया था। अक्टूबर को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में देखा जाता है। CERT-In और Koo App ने सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते हुए फ़िशिंग, हैकिंग, व्यक्तिगत सूचना सुरक्षा, पासवर्ड और पिन मैनेजमेंट, क्लिकबैट से बचने और किसी की गोपनीयता की रक्षा करने जैसे प्रमुख मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम किया। Koo App ने देश भर के इंटरनेट /यूजर्स के बीच पहुंच को मजबूत करने के लिए कई भारतीय भाषाओं में अभियान भी चलाया। इसके अलावा यूजर्स को शिक्षित करने के लिए चल रही एक पहल के रूप में Koo App क्राउड-सोर्सिंग कंटेंट मॉडरेशन की दिशा में काम कर रहा है, जहां यूजर्स को नकली कंटेंट को फ़्लैग करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। इसी तरह, कंटेंट को सत्यापित किए बिना ‘नकली’ के रूप में लेबल करने के लिए उन्हें दंडित भी किया जा सकता है। इतना ही नहीं, भारत का पहला प्लेटफॉर्म यूजर्स को उन फ्री रिसोर्सेज के बारे में भी जागरूक कर रहा है, जिनका इस्तेमाल वे प्लेटफॉर्म पर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने से पहले कर सकते हैं। Koo App अपनी कंटेंट मॉडरेशन नीतियों की तुलना में सही निर्णय लेने में मार्गदर्शन करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड स्थापित करने की प्रक्रिया में भी है।
T20 विश्वकप को लेकर ज़बरदस्त दिलचस्पी
इस साल आगे बढ़ने के साथ ही टी20 विश्वकप 2021 के दौरान तेज़ बढ़ोतरी देखने को मिली। इस दौरान कू (Koo) ने प्रशंसकों को #SabseBadaStadium अभियान के ज़रिये क्रिकेट का व्यापक अनुभव प्रदान किया। इसके अंतर्गत प्रमुख क्रिकेटर्स और कमेंटेटर जुटे जो प्लेटफॉर्म की बहुभाषी सुविधाओं का लाभ उठाकर भारतीय भाषाओं में प्रशंसकों से जुड़ते थे। वहीं, एक लंबे इंतजार के बाद क्रिकेट फैंस ने आईपीएल 2021 के फ़िर से शुरू होने का स्वागत किया और कू पर #IPL2021 जमकर ट्रेंड किया।
स्पोर्ट्स ने बांधा समाँ
कू (Koo App) पर यह साल तमाम खेलों और उनसे जुड़ी चर्चाओं के लिए भी जाना जाएगा। इस वर्ष जहां ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा इस मंच की सबसे ज़्यादा चर्चित शख़्सियत बने और उन्हें लोगों ने जमकर अपना प्यार और शुभकामनाएँ दीं, इसके बाद ओलंपिक में मीराबाई चानू के रजत पदक जीतने पर भी जश्न के साथ बधाई संदेशों की बाढ़ सी आ गई। वहीं, विराट कोहली इस साल के सबसे ज़्यादा कू किए जाने वाले क्रिकेटर बने। जबकि बुधवार से शुरू प्रो कबड्डी लीग के आठवें सीज़न से पहले ही मंच पर कबड्डी खिलाड़ियों के जुड़ने और यूज़र्स से जुड़ने का सिलसिला शुरू होने पर इसके प्रति ज़बरदस्त रुझान देखने को मिला। इसके साथ ही आईपीएल, ओलंपिक, टी20विश्वकप, टोक्यो 2020 जैसे खेल आयोजनों को लेकर यूज़र्स ने कू पर जमकर चर्चा की।
उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
अगले वर्ष देश के सबसे बड़े सूबे यानी उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कू (Koo App) पर भी सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई। कू (Koo App) पर सर्वाधिक संख्या में मौजूद हिंदी भाषी यूज़र्स और यूपी की हिंदीभाषी जनता को देखते हुए राजनीतिक दलों, नेताओं ने भी इस मंच की तरफ़ रुख़ करने में तेज़ी दिखाई। आलम यह है कि कू पर उत्तर प्रदेश के 250 से ज़्यादा विधायक और 41 से ज़्यादा सांसद आ चुके हैं और लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। ऐप पर चुनाव की तैयारियों, प्रचार और जनता से जुड़ने के लिए तेज़ी से चर्चाएँ जारी हैं।
जमकर मिला दिग्गजों को समर्थन
कू (Koo App) की सफलता के साथ ही अक्सर कई दिग्गजों ने इसके प्रति अपना समर्थन भी दिखाया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कू की तारीफ़ करते हुए कहा था कि Koo App ने सोशल मीडिया के क्षेत्र में जिस मज़बूती से कदम रखा है, वह गर्व की बात है। राइज़-स्टार्टअप टू यूनिकॉर्न कॉन्क्लेव में उन्होंने नए स्टार्टअप्स की सराहना की। जबकि 21 दिसंबर को की गई कू पोस्ट में गोयल ने घोषणा की थी कि अब मंत्रालय से जुड़ी सभी ताज़ा जानकारियाँ केवल कू पर जानें। गोयल के अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेता लगातार कू पर पोस्ट करके इसे सपोर्ट देना जारी रखे हुए हैं।
सितारों को मिली और चमक
देश के पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म ने राजनीति ही नहीं सिनेमा, साहित्य, चिकित्सा, विज्ञान समेत सभी क्षेत्रों के लोगों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति का बेहतरीन मंच दिया है। इस मंच से जुड़े अभिनेता अनुपम खेर के फ़ॉलोअर्स की संख्या 20 लाख को पार कर चुकी है। जबकि कंगना रनौत के फॉलोअर्स भी 11 लाख पार हो चुके हैं। वहीं, टाइगर श्रॉफ़ और श्रद्धा कपूर इस मंच पर आने के तीन माह में ही पाँच लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स हासिल कर चुके हैं। सितारों को इस मंच के ज़रिये अपने प्रशंसकों से जुड़कर उनकी ही ज़ुबान में चर्चा करने में मज़ा आता है।
सबसे चर्चित घटनाएँ
वर्ष 2021 में Koo App पर सबसे ज़्यादा चर्चित हैशटैग्स में #COVID19, #TOKYO2020, #NEERAJCHOPRA, #UTTARPRADESH और #IPL2021 को हजारों बार इस्तेमाल किया गया। जबकि इस वर्ष की सबसे ज्यादा Koo की गई इवेंट टोक्यो2021 बना। इसके अलावा टोक्यो2020, टी20वर्ल्डकप, डब्लूटीसीफाइनल, पैरालिंपिक्स और इंडियावर्सेजपाक जैसे आयोजनों को लेकर Koo App पर सबसे ज्यादा चर्चा की गई।
हिंदी सबसे मशहूर भाषा
Koo App के दो करोड़ से ज़्यादा डाउनलोड्स होने के साथ ही इस मंच पर हिंदी सबसे ज़्यादा चर्चित भाषा बनी हुई है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान जैसे राज्यों में हिंदी भाषी यूज़र्स की भारी तादाद के चलते हिंदी में किए जाने वाले कू Koo App सबसे ज़्यादा होते हैं। Koo पर 30 से 40 फ़ीसदी यूजर्स हिंदी में ही चर्चा करते हैं।