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Happy Birthday Kapil Dev कपिल देव. वो कप्तान जिन्होंने टीम इंडिया को बनाया विश्व चैंपियन

क्रिकेट की दुनिया में भगवान का दर्जा सचिन तेंदुलकर को प्राप्त है, लेकिन कपिल देव इस खेल के ऐसे देवता रहे हैं, जिनके आगे बड़े-बड़े तुर्रम खां नतमस्तक हो गए हैं। एक बल्लेबाज के तौर पर उनके सामने कोई बल्लेबाज नहीं था। एक गेंदबाज के तौर पर उनके सामने किसी गेंदबाज की नहीं चलती थी। वहीं, जब वे कप्तान के तौर पर मैदान पर होते थे तो फिर विपक्षी टीमों के पास उनकी चाल के लिए कोई जवाब नहीं होता था।

भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के महान आलराउंडरों में शुमार कपिल देव आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। वे क्रिकेट की दुनिया से दूर हैं, लेकिन आज भी उनकी मिसाल क्रिकेट के इस खेल में दी जाती है। हर एक आलराउंडर कपिल देव जैसा बनना चाहता है, जो बल्ले के साथ-साथ गेंद से और फिर मैदान पर अपना 110 फीसदी देने के लिए मशहूर थे। एक कप्तान के तौर पर भी उन्होंने सिद्ध कर दिया था कि वे ऐसी टीम को विश्व चैंपियन बना सकते हैं, जिसके बारे में शायद किसी ने कल्पना भी नहीं थी।

कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 का विश्व कप जीता था। भारत को दूर-दूर तक उस मेगा इवेंट का चैंपियन नहीं देखा जा रहा था, लेकिन खुद पर विश्वास के भरोसे टीम इंडिया ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। भारत ने कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप के फाइनल में उस टीम को हराया था, जिसने लगातार दो बार ट्राफी अपने नाम की थी। इसी टूर्नामेंट में कपिल देव ने क्रिकेट की अपनी हर एक कला से लोगों को वाकिफ कराया था कि वे क्रिकेट के लिए क्या-क्या करने के लिए बने हैं।

16 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेले कपिल
कपिल देव ने भारत के लिए 16 साल एक्टिव क्रिकेट खेली। इसके बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट की सेवा एक प्रशासक और एक कोच के तौर पर की। उन्होंने साल 1978 में टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में कदम रखा था और साल 1994 में वे आखिरी बार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने उतरे थे। उन्होंने 131 टेस्ट और 225 वनडे इंटरनेशनल मैच देश के लिए खेले। एक बल्लेबाज के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में कपिल देव ने 8 शतक और 27 अर्धशतकों के साथ 5248 रन बनाए थे।

वहीं, 225 वनडे मैचों में कपिल देव के बल्ले से एक शतक और 14 अर्धशतकों के साथ 3783 रन निकले थे। वहीं, एक गेंदबाज के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में कपिल देव ने 434 विकेट चटकाए थे, जबकि वनडे क्रिकेट में उनके नाम 253 विकेट लेने का रिकार्ड दर्ज है। ये आंकड़े अपने आप में कपिल देव की महानता का वर्णन करते हैं, क्योंकि एक आलराउंडर के तौर पर बहुत कम खिलाड़ी इतने लंबे समय तक खेल पाते हैं और इतने अच्छे आंकड़े उनके होते हैं।