छुट्टी न मिलने पर हुई बहस में आपा खोकर अपने इंस्पेक्टर और दो हवलदारों को मौत के घाट उतारने वाले सीआरपीएफ जवान को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। तीन हत्याओं के दोषी ठहराए गए आनंद कुमार सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में सजा निलंबित करने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया।
हालांकि कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2012 में दायर अपील पर हाईकोर्ट तीन माह में फैसला ले, जिसमें दोषी ने कहा है कि वह 15 वर्ष से भी ज्यादा समय से लगातार जेल में हैं। इस पहलु को भी ध्यान में रखा जाए।
अभियोजन के अनुसार आनंद कुमार सिंह ने वरिष्ठों से तनातनी के बाद इंस्पेक्टर श्याम, हवलदार जोगिंदर झांड और हवलदार एचएन पांडे की हत्या कर दी थी।
इस अपराध में आनंद को दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। जम्मू में पीर मिट्ठा पुलिस स्टेशन में यह मामला आरपीसी की धारा 302 और 30 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।