स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के बाद बिधूना सीट पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वहीं भाजपा विधायक विनय शाक्य के घर में भी घमासान मचा हुआ है। विधायक की बेटी रिया ने मंगलवार को एक वीडियो जारी करके अपने चाचा पर पिता के अपहरण का आरोप लगाया था।
वहीं विधायक विनय शाक्य ने अपने अपहरण की बात को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि उनकी बेटी झूठ बोल रही है। चाचा देवेश शाक्य ने भाई के अपहरण को बताया षड्यंत्र बताया है। बताया जा रहा है कि विनय शाक्य बीजेपी से इस्तीफा देंगे और स्वामी प्रसाद के साथ सपा में शामिल होंगे। उन्होंने इशारे में कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ हूं, वो जहां जाएंगे मैं वहीं जाऊंगा।
राजनीतिक विरासत के लिए हो रही लड़ाई
बिधूना से भाजपा विधायक विनय शाक्य दो साल से पैरालिसिस अटैक के कारण बेड रेस्ट पर हैं। उनके भाई देवेश शाक्य प्रतिनिधि बनकर उनके काम काज को देखते रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीमार पिता की राजनैतिक विरासत लेकर 2022 में उनकी बेटी रिया शाक्य बिधूना सीट पर चुनाव लड़ना चाह रही हैं। इस कारण वो लगातार जनसम्पर्क और दौरे कर रही हैं। लेकिन देवेश उनके रास्ते में आ रहे हैं। बता दें कि देवेश शाक्य एक बार विधानसभा चुनाव और एक बार जिला पंचायत अध्य्क्ष चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि वो दोनों चुनाव जीत नहीं पाए थे।
पिता की सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहीं रिया
इस बार वो अपने भाई विनय शाक्य के उत्तराधिकारी बनकर अपनी राजनैतिक नाव पार लगाना चाह रहे थे, लेकिन इस बार रिया शाक्य अपने पिता की सीट पर चुनाव लड़ना चाह रही हैं। जिससे घर में ही सियासत गरमा गई है। विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने अपने चाचा देवेश शाक्य पर जबरन पिता का अपहरण कर लखनऊ ले जाने और सपा में शामिल कराने का आरोप लगाया था। रिया ने सरकार से विधायक पिता का पता लगाने का भी अनुरोध किया था।
वीडियो कॉल पर विधायक से की थी बात
रिया का वीडियो सामने आने के बाद लखनऊ के आला अफसरों ने भी वीडियो कॉल से परिवार और विधायक विनय शाक्य से बात की। रिया शाक्य का दावा था कि उनके लखनऊ जाने की भनक पर देवेश उनके पिता को लेकर इटावा चले गए। पूरे मामले में औरैया एसपी अभषेक वर्मा ने बातया की वीडियो में कही गई बात गलत निकली है। विधायक विनय शाक्य अपने परिजनों के साथ हैं। जांच में आरोप गलत निकले हैं। उन्होंने वीडियो कॉल से बात भी की है।
लखनऊ में इलाज कराने गए थे
विनय शाक्य पिछले दो साल से ब्रेन हेमरेज से पीढ़ित होने के बाद बोलने में असमर्थ हैं। वो इशारों से बात करते हैं। बेटी द्वारा उनके अपहरण के सवाल पर उन्होंने मुस्कुरा कर उसको खारिज कर दिया। चाचा देवेश ने भी भतीजी के आरोपों को सिरे से नकार दिया। देवेश ने बताया कि लखनऊ पीजीआई में पिछले 2 साल से उनका इलाज चल रहा है। उसी के सिलसिले में लखनऊ गया था।
देखरेख के लिए सीओ किया गया तैनात
- दैनिक भास्कर ने इस खबर को सबसे पहले चलाया, तो लखनऊ की सियासत गर्मा गई। तत्काल अफसर सक्रिय हो गए। रिया शाक्य अपनी मां और भाई सिद्धार्थ के साथ लखनऊ निकल गईं थी। रिया के आरोपों के बाद जब अफसरों ने विनय की तलाशा की, तो वो अपने इटावा स्थित शांति कालोनी आवास में भाई देवेश और अपनी मां के साथ मिले। जहां एक सीओ को उनकी देखरेख में तैनात किया गया