Saturday , November 23 2024

इटावा सर्दी में हुई बारिश ने दी फसलों को संजीवनी

*सर्दी में हुई बारिश ने दी फसलों को संजीवनी*

*सर्दी बढ़ने से किसान खुश, गेहूं में नए (तनों)का होगा फुटाव*

जसवन्तनगर/इटावा। सर्दी के मौसम में कुछ दिनों से हो रही कोहरे की धुंध गेहूं की फसल के लिए संजीवनी साबित होगी और उपज रिकॉर्ड तोड़ होने की संभावना है।
विदित हो कि क्षेत्र में पिछले चार दिन से लगातार ठंड बढ़ रही है। सुबह शाम और रात भर घनी धुंध छाई रहती है। बीते दिवस दिनभर बर्फीली ठंडी हवा चली तो रात का तापमान तो 5 डिग्री तक पहुंच गया था। शनिवार की दोपहर तक सूरज दिन भर बादलों के बीच लुकाछिपी खेलता रहा। लगातार हुई ठंड से फसलों में फुटाव शुरू हो जाएगा। वैसे भी रबी की सभी फसलों के लिए ज्यादा से ज्यादा ठंड की जरूरत होती है। अब किसान रबी की बुआई करने के बाद से फसलों की देख रेख में लग चुके हैं। किसान अब खासतौर पर गेहूं में यूरिया डाल रहे हैं और सिचाई कर रहे हैं।
अभी तक मौसम गर्म होने के कारण गेहूं बढ़ रहा था। अब सर्दी होने से गेहूं बढ़ने से रुक जाएगा। पौधे में नए अंकुर यानी तना निकालना शुरू हो जाएगा। अब यूरिया भी मिल रहा है और ठंड भी बढ़ रही है यह फसल के लिए फायदेमंद है। दिन में धूप भी तेज होती है। ऐसे में सिंचाई करने से फसल अच्छी होगी। पिछले वर्ष की तरह अबकी बार भी कोहरा पड़ने के कारण क्षेत्र में गेहूं की फसल रिकॉर्ड तोड़ होने की संभावना है। किसानों के मुताबिक गेहूं की फसल के लिए लगातार कोहरा और सर्दी पड़ना अच्छा है।
जानकारों ने गेहूं की फसल में हल्के पानी की सिंचाई करने की सलाह दी है ताकि जो गेहूं के पौधे छोटे हैं वह जमीन से ऊपर आ सकें। बारिश अच्छी होने के कारण इस वर्ष ठंड भी अच्छी पड़ने की उम्मीद है। अच्छी ठंड होगी तो निश्चित तौर पर फसल भी अच्छी होगी। बूंदाबांदी हो जाने से तो सोने पर सुहागा हो गया। ओस की बूंदें रबी की फसल को नवजीवन देने वाली साबित होंगीं। कोहरे ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है। मौसम का बदला मिजाज गेहूं, सरसों, मटर आदि के लिए अमृत बन गया है। आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ने की संभावना है जो रबी फसल के लिए फायदेमंद होगी।
*जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह के मुताबिक रबी की फसलों के लिए यह मौसम ठीक है। ठंड बढ़ने से फसलों काे लाभ ही होगा। बूंदाबांदी का फसलों पर कोई असर ज्यादा नहीं पड़ा है। मिट्टी में नमी रहेगी तो सिंचाई की ज्यादा आवश्यकता नहीं होगी।*