छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर राज्य में सुपोषण अभियान का अच्छा असर देखने को मिलने लगा है. बहुत ही कम समय में ही प्रदेश में कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी आई है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है.
प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 फीसदी अर्थात एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है. जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर सहित वनांचल के कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई. योजना की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने इसे पूरे प्रदेश में लागू किया.
इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर निःशुल्क पौष्टिक आहार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है.