*प्रोफेसर सहदेव सिंह यादव चलती फिरती पाठशाला थे: खादिम अब्बास*
*पंचशील कॉलेज की स्थापना नैतिक मूल्यों के लिए की गई: आदित्य यादव*
*शिक्षा की ज्योति को घर घर पहुंचाने में जीवन खपा दिया: मोहम्मद आमीन भाई*
इटावा ।सामाजिक योद्धा पूर्व विधायक प्रोफेसर सहदेव सिंह यादव को उनके 11वें परिनिर्वाण पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके वक्ताओं ने पंचशील इंटर कॉलेज में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला ।और कहा कि वह ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने जीवन भर तक दबे कुचले समाज के लोगों को शिक्षित करने का काम किया ।
कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक ख़ादिम अब्बास ने कहा कि पूर्व विधायक प्रोफेसर सहदेव सिंह यादव को किसी वर्ग व धर्म की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने मलिन बस्तियों में शिक्षा का प्रचार और प्रसार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
खादिम ने कहा कि प्रोफेसर सहदेव सिंह यादव एक चलती फिरती पाठशाला थे। उन्होंने सर्वहारा वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने एवं उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने में तमाम प्रकार के जोखिम उठाए वह जनता में इतने लोकप्रिय थे कि वह दो बार भरथना विधानसभा से विधायक बने ।ख़ादिम ने कहा कि बसपा संस्थापक मान्यवर कांशीराम उनसे विचार विमर्श करने के लिए उनके निवास स्थान इटावा में अक्सर आया करते थे ।
खादिम अब्बास ने कहा कि प्रोफेसर साहब एक शिक्षक के साथ-साथ साहित्यकार और पत्रकार भी थे। सामाजिक संरचना के ऊपर उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई ।
पंचशील इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आदित्य यादव ने कहा कि प्रोफेसर साहब आदर्श, सिद्धांतों, नैतिकता, तथा ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे गरीब और मजलूमों की सेवा करने को वह अपना धर्म समझते थे। आज दबे, कुचले समाज के बच्चों ने जो उच्च शिक्षा अर्जित की है ।उसमें प्रोफेसर सहदेव सिंह जी का बहुत बड़ा योगदान है ।
भीम आर्मी कानपुर मंडल प्रभारी मोहम्मद आमीन भाई ने कहा कि प्रोफेसर सहदेव सिंह यादव जी ने शिक्षा की ज्योति को घर-घर पहुंचाने में अपना जीवन खपा दिया ।वह समाज सुधारक थे, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर व डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के बीच में सर्वहारा वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए जो पत्राचार हुआ उसमें सेतु का काम प्रोफेसर साहब ने किया ।श्रद्धांजलि सभा मे उपस्थित रहे ऋषि यादव अशोक ,राकेश पाल ,पुष्पेंद्र दुवे, शिवेंद्र सिंह ,मधु ,प्रीति, कुलदीप, सोनू,आदि अध्यापकगण मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन ऋषि यादव ने किया और अध्यक्षता राकेश पाल ने की ।