टीम इंडिया बड़ी उम्मीदों के साथ साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हुई थी. उम्मीद थी वहां इतिहास रचने की. पहली दफा टेस्ट सीरीज जीतने की.सेंचुरियन का इतिहास बदला तो उम्मीद परवान भी चढ़ी. लेकिन, फिर अगले दो टेस्ट हारते ही सारे अरमान धूल गए.
टीम इंडिया का साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना अधूरा रह गया. ये टूटा सपना टिस देने वाला था. भारतीय क्रिकेट फैंस को ये उम्मीद रही कि आने वाली वनडे सीरीज उस पर मरहम लगाएगी. लेकिन हालात नहीं बदले.
भारतीय टीम खेल के हर डिपार्टमेंट में साउथ अफ्रीका के आगे वनडे सीरीज में फीकी नजर आई. अब ऐसे में मेजबानों को 2-0 की अजेय बढ़त तो मिलनी ही थी. हालात इतने पर भी नहीं बदले तो टीम इंडिया को केप टाउन में वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप का दंश भी झेलना पड़ सकता है.
भारतीय गेंदबाजों के बीते 2 साल का रिपोर्ट कार्ड देखें तो वो पावरप्ले यानी कि पहले 10 ओवर में बुरी तरह नाकाम रहे हैं. साल 2020 के बाद भारतीय गेंदबाजों का पावरप्ले में औसत 123 का है और उन्होंने सिर्फ 6 विकेट चटकाए हैं.