कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न बेरोजगारी बढ़ती लागत कीमतों के कारण जोरदार मंहगाई का सामना कर रहे लोगों को एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में सरकार से राहत मिलने की उम्मीद है.
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार मानक कटौती की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर सकती है.
सरकार रेलवे को नया रूप देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष में रेलवे के लिए बजट आवंटन में रिकार्ड बढ़ोत्तरी की जा सकती है. इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों में भी कमी किए जाने की उम्मीद है. यह फ्लोटिंग आरईआईटी द्वारा अपने स्वामित्व वाले आवास वाणिज्यिक अचल संपत्ति का मौद्रिकरण भी कर सकता है.
बजट के साथ विनिवेश योजना के स्पष्ट होने की संभावना है. सरकार अपनी विनिवेश योजना के जरिए इस अंतर को कम करने की कोशिश कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार अब तक पीएसयू में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 9,330 करोड़ रुपये जुटा पाई है.
उम्मीद है कि यह बजट रेंटल हाउसिंग मार्केट सस्ते आवासीय सेक्टर दोनों को प्रोत्साहन देगा. इस क्षेत्र को आगामी बजट से बड़ी उम्मीदें हैं जैसे इसे उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग वित्त की आसान उपलब्धता. सिंगल-विंडो क्लीयरेंस मैकेनिज्म की मांग कई सालों से बनी हुई है.