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उत्तराखंड की सत्ता से जुड़े इस मिथक को तोड़ने में जुटी भाजपा और कांग्रेस, घोषणापत्र में किये ये वादे

उत्तराखंड में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के सत्ता में आने को लेकर बना मिथक इस बार भाजपा तोड़ने का दावा कर रही है। इस मिथक को तोड़ने के लिए उसके तरकश में जितने भी तीर थे, उसने उनका भरपूर इस्तेमाल किया।

शनिवार को चुनाव प्रचार थमने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का दांव भी चल दिया। बदले में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर दुपहिया वाहनों को पूरे प्रदेश में फ्री पार्किंग की घोषणा कर डाली। राज्य के करीब 82 लाख मतदाताओं को रिझाने के लिए सत्ता की पारंपरिक हिस्सेदार रही भाजपा और कांग्रेस के ये दोनों एलान घोषणापत्र जारी करने के बाद आए हैं।

इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वियों के मध्य तीसरा विकल्प बनने की जद्दोजहद कर रही आम आदमी पार्टी ने घोषणाओं और चुनावी वादों को परोसने के अनूठे अंदाज से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की।

 लेकिन वह अटल आयुष्मान योजना, महिलाओं को भूमिधरी का अधिकार, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने सरीखे फैसलों को जनता के बीच प्रभावी ढंग से नहीं उठा पाई।

जवाब में कांग्रेस का प्रचार महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और खनन के मुद्दों पर केंद्रित रहा। चारधाम चार काम के नारे के साथ उसने तीन मुख्यमंत्री बदलने को लेकर तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा के नारे से भाजपा को असहज करने की कोशिश की।