उत्तराखंड के सियासी मैदान में वैसे तो 22 से ज्यादा दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन बूथों पर उनकी गैर मौजूदगी लोगों को खलती रही। जिन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय मजबूत थे, वहां उनके बस्तों पर भी उनके कार्यकर्ता मजबूती से डटे नजर आए।
विकासनगर, सहसपुर, चकराता, धर्मपुर से लेकर कैंट तक वैसे तो 20 से ज्यादा दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे हुए थे, लेकिन सोमवार को जब मतदान शुरू हुआ तो कोई इनका नाम लेने वाला नजर नहीं आया। बूथों के बाहर या तो भाजपा, कांग्रेस, आप के बस्ते थे या फिर उस विधानसभा में मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी के।
कांग्रेस, भाजपा, आप, बसपा, सपा, सीपीआई, सीपीआई एम, सीपीआई एमएल-लिबरेशन, एआईएमआईएम, न्याय धर्मसभा, उत्तराखंड जनता पार्टी, उत्तराखंड जनएकता पार्टी, आरएलडी, आजाद समाज पार्टी(कांशीराम), उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, जय महाभारत पार्टी, सैनिक समाज पार्टी, राष्ट्रीय समाज दल(आर), भारतीय जन जागृति पार्टी, राष्ट्रीय आदर्श पार्टी, पिपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया(डेमोक्रेटिक)।