जर्मनी के चांसलर ओलफ शूल्ज मास्को पहुंचे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चर्चा हुई और दुनिया ने राहत की सांस ली। सभी को उम्मीद है कि रूस अब यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा।
रूस ने भी यूक्रेन की सीमा पर तैनात अपनी सेना की संख्या में कटौती करने की घोषणा कर दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के बोरिस जॉनसन ने भी राहत की सांस ली है। मंहगाई और युद्ध की स्थिति में पैदा होने वाली अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता जैसे हालात से बच जाने के आसार हैं। खासकर, भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह एक अच्छी स्थिति होगी।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की थी। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति बाइडन ने पुतिन को अपनी सभी चिंताओं और प्रतिबद्धताओं से अवगत कराया।
यूक्रेन की सीमा पर तैनात रूसी सेना तथा हमले की आशंका से उठे सवालों को लेकर भी खुलकर चर्चा की। नए मंडराते संकट ने महाशक्ति को चिंतित कर दिया था। अमेरिकी शेयर बाजार भी सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था।