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तीन चरणों के चुनाव में कांटे की लड़ाई के बाद क्या आज चौथे चरण के मतदान से मिलेगी किसी पार्टी को बढ़त

यूपी के रण में चौथे चरण के मतदान के साथ ही विधानसभा चुनाव का कारवां आधे से अधिक रास्ता पूरा कर लेगा। तीन चरणों के चुनाव में कांटे की लड़ाई मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि आगे तीन चरणों में जो जितनी अधिक सीटें निकाल पाएगा, उसके सत्ता में आने की संभावना उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी।

18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए तीन चरण के चुनाव में 172 सीटों पर मतदान हो चुका है। चौथे चरण में 23 फरवरी को 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके साथ ही 403 विधानसभा क्षेत्रों में से पश्चिमी यूपी, रुहेलखंड व बुंदेलखंड के साथ मध्य यूपी व अवध के कुछ क्षेत्रों की 231 सीटों पर चुनाव हो जाएगा।
पांचवें से सातवें चरण तक का चुनाव अपनी पार्टी बनाकर सियासत करने वाले प्रभावशाली क्षत्रपों व दलबदल करने वाले कद्दावर नेताओं के प्रभाव का भी इम्तिहान लेगा। पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया पहली बार अपनी पार्टी जनता सत्ता दल बनाकर मैदान में हैं। वे खुद कुंडा से चुनाव लड़ रहे हैं। राजा भइया की हार-जीत से ज्यादा लोगों की नजर पहले चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर है। कस्बा निवासी पत्रकार रमन कश्यप की भी तिकुनियां कांड में जान चली गई थी। कस्बे में सड़क से महज सौ मीटर पर स्थित घर में दो पुलिसकर्मी तैनात हैं। घर के दरवाजे के बाहर बनी बैठक में रमन के भाई मिलते हैं।

पांचवें चरण की 61 सीटों पर 27 फरवरी को, छठे चरण की 57 सीटों पर तीन मार्च तथा सातवें चरण की 54 सीटों पर 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पांचवें चरण में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, छठे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सातवें में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सीधे प्रभाव वाले क्षेत्र शामिल हैं।