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China on Taiwan: ताइवान मुद्दे पर चीन ने दिखाई अमेरिका को आंखें कहा-“चुकानी होगी भारी कीमत”

रूस  ने यूक्रेन  में युद्ध छेड़ा हुआ है तो ताइवान पर चीन ने अमेरिका को आंखें दिखाई हैं. अमेरिकी अधिकारियों का दल ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचा है. अब चीन ने खुली धमकी दी है कि अगर अमेरिका ताइवान की आजादी का समर्थन करता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

अमेरिका के ‘ज्वाइंट चीफ्ट ऑफ स्टाफ’ के पूर्व अध्यक्ष माइकल मुलेन समेत पांच सदस्यों का दल ताइपे पहुंचा है. इस दल का ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने स्वागत किया है. ये दल दो दिन में राष्ट्रपति साई इंग वेन समेत दूसरे अधिकारियों से मुलाकात करेगा. अमेरिका ने ये दल ताइवान के साथ समर्थन जताने के लिए भेजा है.

बीते कुछ महीनों में चीन ने अपनी सैन्य तैयारियां तेज की हैं. चीन बार-बार लड़ाकू जेट्स को ताइवान की सीमा पर भेजता है. कई बार चीनी युद्धपोत ताइवान की जलसीमा में भी दाखिल हो चुके हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है.”

अमेरिका ने एक वक्त में चीन की इसी नीति का समर्थन भी किया था, लेकिन बाद में बदल गया. साल 1972 में अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने चीन की यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान ही सात साल बाद चीन और अमेरिका के राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे.