*जेंडर इक्विटी के अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय नारी शिक्षा चौपाल का आयोजन हुआ*
जसवंतनगर/इटावा। जेंडर इक्विटी के अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय नारी शिक्षा चौपाल का आयोजन कर बालक बालिका के बीच भेदभाव मिटाने का प्रयास किया गया। इस दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें स्कूली बच्चों ने भागेदारी की।
नगर के एक मैरिज होम में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां सरस्वती चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम नम्रता सिंह को शामिल होना था किन्तु अपरिहार्य कारणों वश नहीं पहुंचीं। करीब डेढ़ घंटे बाद शुरू हुए कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीन कुमार ने बालिकाओं को महिला हेल्पलाइन नंबर बताए तथा उन्हें निडरता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें लिंग भेदभाव हर हाल में खत्म करना है। इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट 40 प्रतिभागियों व 10 उत्कृष्ट पॉवर एंजेल को प्रमाण पत्र व शील्ड देकर सम्मानित किया।
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा विनय तिवारी ने नारी शिक्षा चौपाल के उद्देश्यों के विषय में अवगत कराया और कहा कि नारी शिक्षा चौपाल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है जिससे वे समाज में निडरता के साथ आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि जेंडर इक्विटी हमारे लिए एक अहम विषय है। महिला को पुरुषों के समान अधिकार मिलने चाहिए।
कार्यक्रम में संकुलवार निलोई, मलाजनी, तिजौरा, जुगौरा, सराय भूपत, धनुवां, भीखनपुर आदि व नगरीय विद्यालयों के बच्चों ने मिशन शक्ति, मीना मंच, विज्ञान व जीवन कौशल पर स्टॉल लगाई गई जिनमें लैंगिक समानता, बाल अधिकार, मिशन शक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी शक्ति से संबंधित पोस्टर बनाकर भी लगाए गए थे जिनका आमंत्रित अतिथियों द्वारा निरीक्षण किया गया।
बच्चों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए जिन्होंने सभी का मन मोह लिया। नगला छत्ते व बिचपुरी खेड़ा की छात्राओं ने नाटक के माध्यम से शिक्षा का महत्व बताया। कुछ अन्य विद्यालयों के बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम को प्रदेशीय संदर्भदाता रेनू राजपूत, अर्चना पांडेय, ब्लॉक संदर्भ दाता सीमा भारती, राजेंद्र यादव ने भी संबोधित किया। संचालन कुसुम शर्मा ने किया तथा सहायक लेखाकार विमल कुमार, शिक्षक संजीव शाक्य,अनुराग भदौरिया, तिलक सिंह कुशवाह आदि का प्रमुख सहयोग रहा।