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इटावा जनपद में अधिकारियों को गौवंशों की फिक्र होने लगी है। सीडीओ ने बैठक कर तत्काल आवारा गौवंशों को संरक्षित करने के निर्देश दिए

योगी सरकार वापसी के बाद इटावा जिले में अधिकारियों को गौवंशों की फिक्र होने लगी है। सीडीओ ने बैठक कर तत्काल आवारा गौवंशों को संरक्षित करने निर्देश दिए हैं। इस समय शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गौवंश बड़ी तादाद में घूमते दिखाई दे रहे हैं।

अधिकारियों को आवारा गौवंशों की सताई चिंता

यूपी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बने आवारा गौवंश को लेकर अब इटावा प्रशासन सजग दिखने लगा है। शासन स्तर से आदेश मिलने के बाद आवारा गौवंश को हर हाल में गौशालाओं तक पहुंचाने की तैयारी के लिए मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा बैठक कर आवारा गौवंशों को गौशालाओं तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ. अशोक गुप्ता।
पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ. अशोक गुप्ता।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार गुप्ता ने बताया, शासन से आदेश के बाद एक बार फिर से आवारा गौवंश को लेकर सजगता बरतने को कहा गया है। जिसके बाद सड़कों पर घूम रहे आवारा गौवंशों को गौशालाओं तक पहुंचाया जाएगा।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कहा, आवारा गौवंशों को गौशालाओं तक पहुंचाने एवं उनके लिए हरा चारा, पानी एवं टीन शेड की व्यवस्था करना प्राथमिकता पर है। जनपद में पंजीकृत और अपंजीकृत गौशालाओं में इस समय 11 हजार से अधिक गौवंश संरक्षित हैं।

शहर में घूम रहे आवारा गौवंश।

150 रुपए प्रति गौवंश दिया जाए

वहीं बसरेहर ब्लॉक के ग्राम प्रधान पति का कहना है, हमारे गांव की गौशाला में 189 आवारा संरक्षित गौवंश हैं, लेकिन जो सरकार के द्वारा अनुदान 30 रुपए प्रति गौवंश के हिसाब से दिया जाता है, वह निश्चय ही कम है। इसको बढ़ाकर सरकार को 150 रुपए करना चाहिए। जिससे इनको सही ढंग से संरक्षित किया जा सके