*शिक्षिका बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देकर ककहारा सिखा रही*
जसवंतनगर/इटावा। कैस्त गांव के प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षिका बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देकर ककहारा सिखा रही है इस कारण स्कूल के बच्चे खुशी खुशी अपना ज्ञान पढ़ा रहे हैं।
दोपहर 12 बजे प्राइमरी स्कूल कैस्त प्रथम की शिक्षिका नेहा यादव अपने स्कूल में बच्चों को मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है कविता पाठ तथा भालू की कहानी सुनाते हुए खेल खेल में बच्चों को रंगों व नंबरों का ज्ञान करा रहीं थीं। बच्चे खुशी खुशी उनके सवालों का जवाब भी दे रहे थे। मौजूद कुछ अभिभावकों का कहना था कि खेल खेल में होने वाली पढ़ाई के कारण उनके बच्चों का स्कूल में अब खूब मन लगने लगा है वह अपनी इच्छानुसार समय पर स्कूल आ जाते हैं।
शिक्षिका नेहा यादव ने बताया कि विभागीय स्कीम के तहत 100 दिवसीय खेल खेल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि उनका लर्निंग गैप कम हो और आधार मजबूत हो। इस इनीशिएटिव प्रोग्राम के तहत बच्चों को पढ़ाया जा रहा है जो वह आसानी से समझ सकें। 14 हफ्ते के इस प्रोग्राम में हर हफ्ते एक नई एक्टिविटी कराई जा रही है जिससे बच्चे आसानी से पढ़ना लिखना सीख जाते हैं और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रोजेक्टर व टीएलएम सामान के माध्यम से कई गतिविधियों का प्रदर्शन कराया जाता है। त्योहारों पर रंगोली के अलावा समय-समय पर आर्ट क्राफ्ट भी बनवाए जाते हैं। यही कारण है कि स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है। उन्हें भी अपने स्कूल के बच्चों को विभिन्न मंचों पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए देख बेहद खुशी होती है।
अभिभावक सज्जन कुमार का कहना है कि उनकी तीन बेटियां स्कूल में अब खुशी खुशी पढ़ने जाती हैं क्योंकि उन्हें खेल खेल में पढ़ना रास आने लगा है। इसी तरह कक्षा एक में पढ़ने वाली रिया के पिता सचिन कुमार व आरुषि के पिता राजेश कुमार भी पढ़ाई के इस माध्यम की तारीफ कर रहे हैं।
*नगर के मोहल्ला यादव नगर निवासनी शिक्षिका नेहा यादव मिस यूपी ब्यूटी द ब्रेन भी रह चुकी हैं। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के अलावा एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए तथा डाइट से बीटीसी उत्तीर्ण कर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। वह इस स्कूल जब से आईं तब से शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। उनके पति नायब तहसीलदार विशाल यादव इस समय कानपुर की सिकंदरा तहसील में तैनात हैं जो समय समय पर उनका मार्गदर्शन करते रहते हैं।*