तालिबान अपने पहले मेहमान के स्वागत के लिए तैयार है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अफगानिस्तान पहुंचने की अटकलें हैं. कुरैशी के काबुल जाने की वजह सिर्फ यही है कि वो नई अफगानी सरकार में अपना रोल निभाएं.
कुरैशी ने शनिवार को रूस, जर्मनी, तुर्की, नीदरलैंड, बेल्जियम के नेताओं से फोन पर बात की. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लेवरोव के साथ बातचीत के दौरान कुरैशी ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में स्थिरता पाकिस्तान और पूरे इलाके के लिए बेहद अहम है.
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद कुरैशी ने कहा था कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार ने तालिबान के खिलाफ जो प्रोपेगैंडा चलाया था, वह झूठा साबित हुआ है. तालिबान के अभी तक उठाए गए शांतिपूर्ण कदमों का स्वागत करते हैं.
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही कहा था कि हम शांति चाहते हैं और हम इस्लामिक कानूनों के तहत महिला अधिकारों की भी रक्षा करेंगे. हालांकि, अफगान छोड़ रहे लोग इस पर बिल्कुल यकीन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने तालिबान के इन बयानों को टेम्परेरी शो करार दिया है.