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तीन सालों में देश में 10 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की होगी स्थापना, 1.05 लाख करोड़ रुपये की लगेगी लागत

ऊर्जा के क्षेत्र में भारत बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। आने वाले तीन सालों में देश में 10 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। ये परमाणु ऊर्जा संयंत्र 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे। कर्नाटक के कैगा में 2023 में 700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र की नींव डालने के साथ भारत तीन वर्षों में ‘फ्लीट मोड’ में एक साथ 10 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण करेगा।

परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के अधिकारियों ने संसदीय समिति को बताया कि, कैगा इकाइयों पांच व छह का एफपीसी 2023 में अपेक्षित है। गोरखपुर, हरियाणा अणु विद्युत परियोजन इकाइयों में तीन और चार, इसके अलावा और माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना इकाई एक से चार का एफपीसी 2024 में अपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि गोरखपुर इकाई 3 और 4 तथा कैगा इकाई 5 और 6 के टरबाइन आइलैंड के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण पैकेज प्रदान किए गए हैं। ‘फ्लीट मोड’ के तहत पांच साल की अवधि में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की उम्मीद है।

वर्तमान में भारत में 6780 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ 22 रिएक्टरों का संचालन होता है। गुजरात के काकरापार में 700 मेगावाट का रिएक्टर पिछले साल 10 जनवरी को ग्रिड से जोड़ा गया था, लेकिन अब तक इसका वाणिज्यिक संचालन शुरू नहीं हुआ है।

भारतीय इंजीनियरों ने बिजली उत्पादन क्षमता को 540 मेगावाट तक बढ़ाने के लिए डिजाइन में और सुधार किया और ऐसे दो रिएक्टरों को महाराष्ट्र के तारापुर में शुरू किया गया।