इटावा *सिद्धपीठ पिलुआ मंदिर पर मारुति यज्ञ, श्रीमद्भागवत कथा की धूम*
इटावा। कचौरा मार्ग पर मौजा प्रतापनेर स्थित पूरे देश में प्रसिद्ध सिद्धपीठ श्री दक्षिणमुखी लेटे पिलुआ हनुमान मंदिर पर इन दिनों मारुति यज्ञ एवं श्रीमद्भागवत महापुराण कथा की धूम मची हुई है। प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में भक्तगण पहुंचकर इस धार्मिक अनुष्ठान का पुण्य लाभ ले रहे हैं।
मंदिर के महंत एवं भागवताचार्य श्री श्री १००८ महंत हरभजन दास जी महाराज के सानिध्य में २३ मार्च से आरंभ हुए श्री मारुति महायज्ञ का यह चौबीसवां वार्षिकोत्सव ३१ मार्च तक चलेगा जिसमे भागवत कथा का समय दोपहर १२ बजे से सायं ५ बजे तक है। कथा का विश्राम ३० मार्च को तथा भंडारा प्रसाद वितरण ३१ मार्च को होगा। यज्ञाचार्य के रूप में आचार्य अतुल कौशिक, रामजी दीक्षित, अनूप द्विवेदी, अनुपम त्रिपाठी, रामजी मिश्र, विशाल शुक्ला, विश्वास मिश्र याज्ञिक कर्मकांड संपन्न करा रहे हैं। यज्ञ यजमान श्रीमती गीता तिवारी व श्री उमेश तिवारी प्रधान विजयपुरा हैं।
उल्लेखनीय है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व प्रतापनेर स्टेट के राजा हुकुमचंद तेजप्रताप सिंह चौहान ने तत्कालीन वैष्णव साधु शिरोमणि श्री श्री १००८ मधुसूदनदास जी महाराज को पिलुआ वृक्ष के नीचे मिले लेटे हुए हनुमानजी के पूजन अर्चन का दायित्व सौंपा था। उनके बाद उनके शिष्य महंत नारायण दास महाराज, उनके शिष्य महंत लक्ष्मण दास महाराज, उनके शिष्य महंत रामदास महाराज, उनके शिष्य महंत रामस्वरूप दास महाराज तथा वर्तमान में उनके शिष्य श्री श्री १००८ महंत हरभजन दास जी महाराज वैरागी गौड़िया संप्रदाय अखाड़ा बलभद्री बैठक वृंदावन मंदिर के पीठाधीश्वर हैं जिन्होंने अपने सम्पर्क व संबंधों को इस सिद्धपीठ से जोड़कर मंदिर का ऐसा कायाकल्प कर दिया है कि जो लोग साल दो साल पूर्व इस मंदिर में दर्शन केलिए आए होंगे, वे अब इस मंदिर की भव्यता देखकर भौंचक्के रह जाते हैं कि जहां पहले कच्ची जमीन पर एक छोटे से पिलुआ वृक्ष के नीचे लेटे हनुमान जी के दर्शन करते थे, वहां अब चमकदार टाइल्स लगीं सीढियां, फर्श तथा विशाल लेंटर से परिपूर्ण परिसर में भगवान श्री महावीरजी की शोभा देखकर उनका मन गदगद हो उठता है। जबकि अभी भी मंदिर को और अधिक विशाल भव्यता देने के लिए सतत निर्माण कार्य चल रहा है और आने वाले कुछ दिनों में अपनी भव्यता केलिए यह मंदिर इटावा में सबसे अनूठी छाप छोड़ेगा।