*औरैया, बीहड़ के लिए मिसाल बनी चंबल क्रिकेट लीग*
*खेल-खेल में क्रांतिकारियों का भी हो रहा बखान*
*औरैया।* किसी भी खेल का आयोजन कराया जाता है तो मकसद मनोरंजन या खेल को बढ़ावा देने जैसा ही होता है, लेकिन चंबल के दूरदराज गाँव में आयोजित हो रही चंबल क्रिकेट लीग, इन्हीं बातों तक सीमित नहीं है, मनोरंजन और खेल को बढ़ावा देने के साथ ही क्रिकेट लीग से जुड़ रहे खिलाड़ियों और लोगों को न सिर्फ चंबल के इतिहास बल्कि शहीदों और यहां के क्रांतिकारियों के बारे में भी बताया जा रहा है. यहां आने वाले खिलाड़ियों को मैदान पर ऐसी किताबें भी रखी मिलती हैं, जिनमें महानायकों और उनके आसपास के उन पूर्वजों के किस्से होते हैं, जिन्होंने अपनी जान देकर बलिदान दिया. खिलाड़ी चाहें तो ये किताबें ले भी जा सकते हैं. इतना ही नहीं, ये क्रिकेट लीग किसी शहर के स्टेडियम में नहीं, बल्कि तीन जनपदों की सरहद जालौन के हुकुमपुरा में कराई जा रही है, यही वो गाँव है, जो कुख्यात दस्यु सरगना रहे सलीम गुर्जर उर्फ पहलवान के गांव के रूप में जाना जाता है। इसी गाँव में आयोजन कराने का मकसद ये भी था कि ये जगह सिर्फ दस्यु के इलाके के रूप में ही न जानी जाए।
चंबल फाउंडेशन के प्रमुख शाह आलम राना बताते हैं कि हमने इस चंबल क्रिकेट लीग 2022 को शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस बीते 23 मार्च से शुरू किया था. न सिर्फ महानायकों की याद में शुरू किया, बल्कि लीग में जितने भी अवार्ड या ट्रॉफी दी गईं, वो सब शहीदों और क्रांतिवीरों के नाम पर ही दी गईं हैं. इस लीग का फाइनल मैच 5 अप्रैल को खेला जायेगा. ये मुकाबला हुकुमपुरा और माधोगढ़ के बीच होगा। समापन के मौके पर कई प्रमुख लोग शामिल होंगे। सिर्फ विजेता और उपविजेता टीमें ही नहीं, बल्कि समापन के दिन लीग में हिस्सा लेने वालीं सभी 16 टीमें मैदान पर मौजूद रहेंगी, जिन्हें लीग का प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
क्रांतिकारी लेखक और दस्तावेजी फिल्म निर्माता शाह आलम राना ने बताया कि चंबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित हो रही चंबल क्रिकेट लीग में तीन जनपदों जालौन, भिन्ड और इटावा के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. यह आयोजन हाशिये का गांव कहे जाने वाले हुकुमपुरा में आयोजन समिति द्वारा ग्राउंड बनाकर खेल परंपरा की नींव डाली गई। खेल के दौरान चंबल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताबों का स्टाल भी लगाया गया। जिसे पुस्तकप्रेमियों नें पढ़कर खूब सराहा। चंबल फाउंडेशन बीहड़ में लगातार कला-संस्कृति और खेल को बढ़ावा देता रहा है।
इस लीग के उद्घाटन समारोह में चर्चित क्रिकेट कोच, स्पोर्ट्स एंकर कमेंटेटर, बिस्मिल सेना प्रमुख, शहीदों-क्रांतिकारियों के परिजन, स्थानीय जनप्रतिनिधि, और खिलाड़ी जब बीहड़ के गांव में एकत्रित हुए तो लोगों काम उत्साह देखने लायक था। चंबल के बीहड़ी गांव हुकुमपुरा में डेढ़ हफ्ते के दौरान लोगों ने खेल का खूब लुत्फ उठाया। चंबल क्रिकेट लीग उदघाटन समारोह के मौके पर चर्चित क्रिकेट कोच नीरज शर्मा ने कहा कि चंबल क्रिकेट लीग से खिलाडियों का मनोबल बढ़ेगा। खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। नीरज शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि चंबल फाउंडेशन खेल को बढ़ावा देते हुए चंबल क्रिकेट एकेडमी की स्थापना करे, जिससे खिलाडियों को अभ्यास करने की जगह मिल सके।
सुविख्यात स्पोर्ट्स टीवी एंकर हारून राशिद ने कहा कि चंबल परिवार की इस मुहिम में शामिल होना मेरी खुशकिस्मती है. ऐसी जगह पर खेल का आयोजन ही अपने आपमें बड़ी और साहस की बात है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ये लीग एक बड़े आयोजन में तब्दील होने की क्षमता रखती है। सभी को इसमें सहयोग करना होगा क्योंकि इस क्षेत्र के लिए ये बेहद ज़रूरी भी है. बिस्मिल सेना प्रमुख अजय सिंह सिकरवार ने कहा कि बागियों की यह सरजमीं खेल के मार्फत देश के साथ आज कदमताल कर रही है. यहां कई जनपदों के खिलाड़ी खेलने आ रहे हैं. शहीदों की याद में हो रहा यह आयोजन निश्चित तौर पर बदलाव की नई इबारत लिख रहा है. ये बड़ी शुरुआत है। युवा इससे जुड़ेंगे और अपने क्रांतिवीरों शहीदों के बारे में भी जानेंगे। दरअसल चुनौतियों के बीच इस आयोजन की शुरुआत हुई है। भविष्य में इस क्रिकेट लीग का आयोजन भव्य होगा। खिलाड़ियों को और बड़े मौके मिलेंगे। ये बस उस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम भर है।
चंबल क्रिकेट लीग में 16 टीमों ने हिस्सा लिया। चंबल क्रिकेट लीग के व्यस्थापक देवेन्द्र सिंह ने बताया कि अभी भी कई जनपदों के खिलाड़ियों के इंट्री के लिए हर दिन फोन आ रहे है। जबकि बीते 18 मार्च को ही इंट्री बंद कर दी गई थी। चल रही परीक्षा, गर्मी और खेतो में पकी पसल को देखते हुए आयोजन को आगे खींचना मुनासिब नहीं। औरैया, मुरैना, धौलपुर और बाह के खिलाडियों को अब लीग के अगले संस्करण में अवसर दिया जाएगा. इस वर्ष हुकुमपुरा ग्राउंड पर 12-12 ओवर का 16 टीमों ने मैच खेला है। जिसमें अब 5 मार्च को हुकुमपुरा और माधोगढ़ के बीच फाइनल मुकाबला हुकुमपुरा ग्राउंड पर सुबह 10 बजे शुरू होगा।
समापन और पुरस्कार वितरण समारोह में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर के उपकुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी डॉ. निरंजन सिंह, महान क्रांतिकारी दम्मीलाल पांडेय के वंशज अजय पांडेय, एकलव्य शूटिंग एकेडमी के निदेशक राष्ट्रीय खिलाडी राहुल तोमर, महाराजा सूरजमल शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, भरतपुर के निदेशक डॉ. भूपेन्द्र सिंह सोलंकी आदि सम्मानित अतिथि समापन समारोह के गवाह बनेंगे. लोक गायक सिद्दीक अली और श्याम पंडित अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चंबल क्रिकेट लीग के संयोजक चंबल परिवार प्रमुख शाह आलम राना ने बताया कि 5 अप्रैल को लीग में शामिल सभी खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. विजेता टीम को शहीद मणीन्द्र नाथ बनर्जी स्मृति ट्रॉफी के साथ क्रांतिदूत पुस्तक के लेखक और क्रांतिकारी वंशज डॉ. मनीष श्रीवास्तव की तरफ से 5100 रुपये पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी. उप विजेता टीम को क्रांतिवीर प्रभाष चंद्र बनर्जी स्मृति ट्रॉफी के साथ हुकुमपुरा निवासी अकबर सिंह कुशवाहा द्वारा 2100 रुपये प्रदान किये जायेंगे। मैन आफ द मैच क्रांतिवीर सुभाष चंद्र बनर्जी स्मृति ट्राफी दिये जाने के साथ विजेता और उपविजेता खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह दिए जाएंगे।
रिपोर्टर :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता