चीन से एक दिल-दहला देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यहां सैकड़ों की संख्या में सर्जन्स और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों पर मौत की सजा पाए कैदियों के दिल और अहम अंग निकालने और उन्हें मरता छोड़ने के आरोप लगे हैं।
एक एकेडमिक पेपर में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर यह काम कैदी को सजा दिए जाने से पहले ही कर लेते थे। यानी फांसी या मौत के इंजेक्शन दिए जाने से पहले ही जेल में कैदी की मौत हो चुकी होती थी।
अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रांसप्लांटेशन में छपी ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की रिसर्च में इशारा किया गया है कि यह हरकत चीन के सर्जन्स की ओर से ही की गई है। दुनियाभर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को कानूनी वैधता तभी मिलती है, जब इसके लिए पहले से अंग दान करने वाले व्यक्ति की संस्तुति ले ली जाती है।
इस स्टडी में शामिल रहे पीएचडी रिसर्चर मैथ्यू रॉबर्टसन के मुताबिक, चीनी सर्जन्स ने फायरिंग स्कवॉड या इंजेक्शन के जरिए मारे जाने वाले कैदियों का फायदा उठाने के लिए पहले ही उनके अहम अंगों को निकालने का काम किया, जिससे उनकी मौत सजा मिलने से पहले ही निश्चित हो जाती थी।