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RBI की एमपीसी बैठक में हुआ एलान, पुराने स्तर पर बरकरार रहेगी रिवर्स रेपो दर लोन लेने वालों को लगेगा झटका

भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिवसीय एमपीसी की बैठक के नतीजों का एलान कर दिया है। इस बार भी केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को बिना किसी बदलाव के यथावत रखा है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी पुराने स्तर पर ही बरकरार रहेगी।

आरबीआई के इस फैसले से लोन लेने वाले लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है, क्योंकि इस बार भी उनकी ईएमआई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
केंद्रीय बैंक ने महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई का औसत अनुमान 5.7 फीसदी रखा गया है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि सप्लाई चेन प्रभावित होने के कारण वैश्विक बाजार भारी दबाव में है। यही कारण है कि केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है।

आरबीआई की यह तीन दिवसीय बैठक छह अप्रैल को शुरू हुई थी और आठ अप्रैल को इसके नतीजे घोषित किए गए। इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने रेपो रेट-रिवर्स रेपो रेट के साथ ही रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उपजे हालातों पर भी गहन चर्चा की। शक्तिकांत दास ने बताया कि कच्चे तेल का अनुमान 100 डॉलर प्रति बैरल रखा गया है।

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को कर्ज मुहैया कराया जाता है। जो कर्ज आरबीआई बैंकों को देती है, बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। ऐसे में रेपो रेट अगर कम होता है तो बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन सस्ते हो जाते हैं।