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डिलवरी के बाद महिलाओं में तेज़ी से बढ़ जाता हैं पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस का खतरा

आज कल कम उम्र में भी थाइराइड( Thyroid) की समस्या महिलाओं में देखने को मिल रही है. थायराइड होने की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. उनके पीरियड्स भी अनियमित ही जाते हैं.

अगर आपको नींद की समस्‍या, वजन बढ़ना या घटना, स्‍ट्रेस बढ़ना आदि लक्षण हैं तो ये थायराइड की ओर संकेत करते हैं.साथ ही थाइराइड भी कई तरह के होते हैं. जैसे मोटा होना या पतला होना. ऐसे ही थाइराइड होने से पहले कई लक्षण दिखाई देते हैं.

स्किन डिसऑर्डर- थायराइड में हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण स्‍क‍िन डिसऑर्डर की समस्‍या हो सकती है. मह‍लिाओं में पिंपल्स की समस्‍या कारण थायराइड का बढ़ता स्‍तर हो सकता है. आपको थायराइड कंट्रोल करने के उपाय अपनाकर हार्मोन्‍स बैलेंस करना चाहिए जो मह‍लिाएं 30 साल व उससे ज्‍यादा होती हैं .

इनफर्टिलिटी- जिन महिलाओं में पहले से इनफर्टिलिटी की समस्या होती है उन्हें थायराइड की बीमारी हो सकती है. अंडरएक्‍ट‍िव या ओवरएक्‍ट‍िव थायराइड फर्ट‍िलिटी के प्रोसेस को मह‍लिाओं के शरीर पर असर कर सकता है.

पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस- यह डिलवरी के बाद हो सकता है थायराइड में असंतुलन के कारण पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस की समस्‍या मह‍लिाओं को हो सकती है. थायराइड के लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं जैसे नींद की समस्‍या, चिड़चिड़ापन तनाव होना, भूख बढ़ना आदि.