पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के सामने आर्थिक चुनौतियों का अंबार है। पाकिस्तान की नई सरकार के सामने बड़ी समस्याओं में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, बढ़ती महंगाई, और सरकार पर बढ़ रहे कर्ज का बोझ शामिल है।
इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री आतिफ आर. मियां ने एक लंबा ट्विटर थ्रेड लिखा। इसमें उन्होंने कहा है कि इमरान खान को अर्थव्यवस्था बुरे हाल में मिली थी, लेकिन उनके शासनकाल में यह बदतर हो गई।
उन्होंने लिखा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस सरकार से करोड़ों लोगों ने ऊंची उम्मीदें जोड़ी थीं, उसका अंत बड़ी नाकामी के साथ हुआ। अब मैं उम्मीद करता हूं कि जो लोग सत्ता में आए हैं, वे इस और अपनी पिछली नाकामियों से भी सबक लेंगे।’
विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के कारण महीने भर तक चली राजनीतिक अस्थिरता ने आर्थिक संकट को और विकट बना दिया है। अब पाकिस्तान के सामने आर्थिक मुश्किलों का ऐसा पहाड़ खड़ा है, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सामने कर्ज डिफॉल्ट करने की स्थिति खड़ी हो गई थी। तब चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मदद से वह इसे टाल पाया। यूएई ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का कर्ज मुहैया कराया।