Saturday , November 23 2024

ओबीसी की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के फैसले पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को लगाईं कड़ी फटकार

उत्तर प्रदेश में ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की सियासी कोशिशों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने इस बारे में पहले से लगाई गई रोक को अगले आदेश तक के लिए फिर से बढ़ा दिया है.

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई में यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई और उसे अपना जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मोहलत दी है. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि पांच सालों में सरकार का जवाब दाखिल न होना कतई उचित नहीं है. अगर यूपी सरकार ने एक महीने के अंदर अपना जवाब दाखिल नहीं किया तो हाईकोर्ट एकतरफा फैसला सुना सकता है.

तत्कालीन अखिलेश सरकार के इस नोटिफिकेशन को गोरखपुर की संस्था डॉक्टर बीआर अंबेडकर ग्रंथालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 24 जनवरी 2017 को इस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी.

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई. अदालत इस मामले में अब मई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ताओं की तरफ से उनके वकील राकेश कुमार गुप्ता ने पक्ष रखा.